भोपाल। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने खुद पर लग रहे आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि वो निश्चित रूप से गुजारिश करेंगे कि अगर ई-टेंडरिंग मामले में 3 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है तो ये साबित करें. अगर सरकार तीन करोड़ का घोटाला भी साबित कर देगी तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे.
मिश्रा ने कहा कि ई-टेंडरिंग हो या फिर डंपर घोटाला, सबकी जांच तत्कालीन सरकार ने की थी, ये छोटी मछलियों को पकड़ रहे हैं. जांच के लिए उस वक्त के अधिकारियों को क्यों नहीं बुलाया जा रहा है, जब ये घोटाला हुआ था. सरकार के पास कोई आधार या तथ्य नहीं है. सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि EOW से झूठ बुलवाया जा रहा है, उन्होंने EOW अफसरों से कहा कि दबाव में काम न करें क्योंकि सरकारें आती जाती रहती हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे नरोत्तम मिश्रा का नाम लें, इसलिये दोनों ने कोर्ट में ये लिख कर दिया है कि हम पर दबाव बनाया जा रहा है कि नरोत्तम मिश्रा का ई टेंडरिंग घोटाले में नाम लिया जाए. बता दें कि ई-टेंडरिंग घोटाले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दो निजी सहायक रहे निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडेय को गिरफ्तार किया गया है, दोनों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है.