भोपाल। मध्यप्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. जहां भाजपा लगातार विकास यात्राएं आयोजित कर लोगों को सरकार की उपलब्धियां गिनवा रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता और सांसद दिग्विजय सिंह भी लगातार प्रदेश में हर विधानसभा में यात्रा कर बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में आयोजित होने वाला है. इसको लेकर सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. दरअसल, यह पूरा मामला दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह के एक ट्वीट से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा है अधिवेशन में मेरी जगह डॉ. हीरालाल अलावा को शामिल किया जाए. इस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चुटकी ली है.
अधिवेशन की सूची को लेकर कलह : बता दें कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन रायपुर में आयोजित होना है. जिसे लेकर एक सूची जारी हुई है. इस सूची को लेकर कांग्रेस में ही अंतरकलह देखने को मिल रही है. बताया जा रहा है कि अधिवेशन में शामिल होने वाले लोगों में मध्य प्रदेश से सांसद दिग्विजय सिंह. उनके छोटे भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह और उनके बेटे राजवर्धन सिंह का नाम हैं. वहीं बताया जा रहा है कि अरुण यादव जैसे बड़े नेताओं का नाम भी अधिवेशन की सूची में शामिल नही हैं. इसके चलते कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने मंगलवार को एक ट्वीट किया.
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नरोत्तम बोले- लक्ष्मण सिंह का जमीर जागा : लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट कर कहा कि अधिवेशन में जाने वालों की जो सूची बनी है, उसमें मेरे स्थान पर डॉ. हीरालाल अलावा को भेजा जाए क्योंकि हीरालाल अलावा मध्यप्रदेश में एक बड़े आदिवासी नेता हैं. पिछली बार मध्यप्रदेश में जब सरकार बनी थी तो उन्हीं के सहयोग से बनी थी. इस बार भी मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी. लक्ष्मण सिंह ट्वीट के सामने आने के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि चलो किसी का तो जमीर जागा. वास्तव में कभी-कभी तो हद करती है कांग्रेस. एक ही परिवार के तीन-तीन लोग और एक ओर आदिवासी नेता हीरालाल हैं. जिनके साथ कर छलावा कर दिया. कांग्रेस ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि आदिवासी उनके लिए वोट बैंक से ज्यादा कुछ नहीं हैं. यह स्पष्ट हो गया है जमुना देवी के बाद, भूरिया जी, बाद में बलवीर जी आदिवासी नेता सिर्फ वोट बैंक हैं और इस से ज्यादा कुछ नहीं.