भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मंत्री इमरती देवी पर दिए बयान के बाद प्रदेश की सियासत ने अलग ही रंग ले लिया है. बीजेपी ने कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं इस बयान की चर्चा मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक हो रही है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि अगर कमलनाथ माफी नहीं मांग रहे तो 3 नवंबर को जनता माफी दिलवा देगी.
गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई है, एक बुजुर्ग जिमसें कमलनाथ हैं, दूसरे प्रौढ़ लोग हैं, जिसमें राहुल गांधी हैं. कमलनाथ लंबे समय से राहुल गांधी को अनदेखा कर रहे हैं. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ पर उम्र हावी हो रही है, शायद ऐसा हो रहा है. उन्होंने कहा कि पहले कर्ज माफी का कहा लेकिन कर्ज माफ नहीं किया. दूसरा किस्सा जब लोकसभा में कमलनाथ सिर्फ नकुलनाथ को जिताने में लगे रहे, तीसरा कमलनाथ ने वचन पत्र से राहुल गांधी की तस्वीर ही हटा दी. अब चौथी बार कमनलाथ ने राहुल गांधी के बयान को नकारा. इसका मतलब साफ हो गया है कि, अब चार तारीख का कमलनाथ का चार्टर बुक है.
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उन्होंने कहा कि परिणाम जो भी हो कमलनाथ का जाना तय है. वहीं मंत्री ने शेर बोलते हुए कहा कि ''किसको फिकर थी कबीले का क्या होगा, सब इस पर लड़ेंगे सरदार कौन होगा.'' इस दौरान गृह मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश में कांग्रेस में जबरदस्त खेमेबाजी दिखने वाली है.
यहां दिया बयान, जिसके बाद बड़ी राजनीतिक हलचल
गौरतलब है कि पूर्व सीएम कमलनाथ ने मंत्री इमरती देवी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें आइटम बताया था, जिसके बाद बीजेपी के सभी नेताओं ने इसे दलित समाज का अपमान बताया है. घटना ग्वालियर के डबरा की है, यहां कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा करने गए पूर्व सीएम कमलनाथ ने मंत्री इमरती देवी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें आइटम बता दिया. इतना ही नहीं कमलनाथ के पास में खड़ीं पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ उनका ये बयान सुनकर ठहाके मारकर खूब हंसी. इस बयान के बाद से ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच अब दलितों का मुद्दा गरमा गया है, बीजेपी इसे दलितों का अपमान बता रही है तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी दलितों के नाम पर रोटियां सेंकने का काम कर रही है.