भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए हजार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले में EOW की जांच धीमी होती जा रही है. कछुआ चाल चल रही इस जांच में अब तक EOW को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ कोई सबूत हाथ नहीं लगे हैं. हालांकि EOW ने इस मामले में नरोत्तम मिश्रा के दो निजी सहायकों को गिरफ्तार किया था, जिसमें एक को पहले जमानत मिल चुकी थी, लेकिन अब कोर्ट से दूसरे निजी सहायक को भी जमानत मिल गई है.
बहुचर्चित ई टेंडर घोटाले की जांच शुरू होते ही अंदाजा लगाया जा रहा था कि बहुत जल्द ही इस घोटाले में कई बड़ी मछलियां EOW के शिकंजे में फंस सकती हैं. लेकिन समय के साथ-साथ EOW की जांच भी ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है. EOW ने ई-टेंडर घोटाले में पांच विभागों के 9 टेंडरों में टेंपरिंग को लेकर FIR दर्ज की थी. इनमें एक विभाग जल संसाधन भी था, जिसके तत्कालीन मंत्री शिवराज सरकार के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा थे.
ऐसे में नरोत्तम मिश्रा पर भी घोटाले में शामिल होने के आरोप लगने लगे. ईओडब्ल्यू ने FIR दर्ज करने के बाद नरोत्तम मिश्रा की भूमिका को लेकर लंबी जांच भी की. लेकिन तब से लेकर अब तक जांच एजेंसी को पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ कोई सबूत हाथ नहीं लगा है.
ई टेंडर घोटाले में FIR दर्ज करने के बाद अब तक ईओडब्ल्यू 9 लोगों की गिरफ्तारी कर चुका है. इनमें दो आरोपी वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी भी शामिल हैं. पांडे और अवस्थी पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निजी सहायक रह चुके हैं. इन दोनों से EOW ने लंबी पूछताछ भी की है. वहीं निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे को अब कोर्ट से जमानत भी मिल गई है.