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NVDA के टेंडर मामले में ईटीवी भारत की खबर लगी मुहर, 5.8 फीसदी ब्लो पर खुले टेंडर

ईटीवी भारत ने 15 अक्टूबर को प्रकाशित अपनी खबर में दावा किया था कि इन दोनों टेंडर में तीन कंपनियां मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रस्ट्रक्चर लिमिटेड, आरवीआर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और तीसरी भागीदार के रूप में एलएनटी लिमिटेड मुंबई ही भाग लेगी. साथ ही इस बार 4 से 6 फीसदी कम पर यह टेंडर जाएंगे. फाइनेंशियल बिड खुलने के बाद ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लग गई.

Narmada Valley Development Authority Tender
नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण टेंडर
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Published : Nov 11, 2021, 11:03 PM IST

भोपाल। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चिंकी बैराज और सांवेर माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट के टेंडर को लेकर ईटीवी भारत के खुलासे पर एनवीडीए की मुहर लग गई है. इन दोनों विवादास्पद परियोजनाओं के संबंध में ईटीवी ने दावा किया था कि नए टेंडर 4 से 6 फीसदी ब्लो पर अवार्ड होंगे. जब फाइनेंशियल बिड ओपन हुई तब ईटीवी भारत की बात सच निकली. दोनों परियोजनाओं की बिड क्रमशः 5.1 और 5.8 प्रतिशत ब्लो पर खुली हैं. पूर्व में यह निविदाएं हमारी खबर के बाद एक बार निरस्त होने के बाद पुनः बुलाई गई थी.

उधर इन टेंडरों की प्रक्रिया में एक नया पेंच सामने आया है, जो कुछ नए इशाारे करता है. एनवीडीए की अधिकृृत वेबसाइट पर अपलोड दस्तावेज के मुताबिक 27 अक्टूबर को 30 मिनिट में दोनों परियोजनाओं के टेंडर डाॅक्युमेंट अपलोड होकर मूल्यांकित भी हो गए और टेक्नीकल और फाइनेंशियल बिड की औपचारिकता पूरी हो गई.

इनमें उस विवादास्पद कंपनी को भी चुन लिया गया है, जिसके दो विवाद पहले से ही नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के खिलाफ चल रहे हैं. इस बारे में एनवीडीए के सदस्य से जब पूछा तो उनका जवाब था कि हम कम्प्यूटर की तकनीक को नहीं जानते. विवादस्पद कंपनी को क्यों चुना? इस बारे में मेरे पास कोई जवाब नहीं है.

युवा बेरोजगार, सेवानिवृत्त व्यक्तियों को दी जा रही नौकरी, हाईकोर्ट में लगी याचिका

ईटीवी की खबर पर लगी मुहर

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा सांवेर माइक्रो इरीगेशन स्कीम और चिंकी बोरास माइक्रो इरीगेशन के दोनों प्रोजेक्ट के लिए 13 और 14 अक्टूबर को टेंडर डाॅक्युमेंट सब्मिट किए थे. ईटीवी भारत ने 15 अक्टूबर को प्रकाशित अपनी खबर में दावा किया था कि इन दोनों टेंडर में तीन कंपनियां मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रस्ट्रक्चर लिमिटेड, आरवीआर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और तीसरी भागीदार के रूप में एलएनटी लिमिटेड मुंबई ही भाग लेगी. साथ ही इस बार 4 से 6 फीसदी कम पर यह टेंडर जाएंगे. फाइनेंशियल बिड खुलने के बाद ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लग गई.

  • नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के सांवेर माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट खरगोन का प्रोजेक्ट में एल-1 हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्राटेक्चर लिमिटेड आई है. इसकी बिड 5.8 ब्लो पर खुली है. इस परियोजना की लागत 2959.29 करोड़ रुपए है.
  • नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चिंकी बोरस माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट में आरवीआर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड एल-1 आई है. इसकी बिड 5.01 ब्लो पर ओपन हुई है. इस परियोजना की लागत 5434.79 करोड़ रुपए है.
  • जबकि एलएंडटी ने एक टेंडर में 1 फीसदी ब्लो और दूसरे में 4.42 बढ़ी हुई दरों के साथ तीसरे स्थान पर रही। 15 अक्टूबर को प्रकाशित खबर मंे ई टीवी भारत ने दावा किया था कि इन दोनों टेंडर में एनएंडटी सिर्फ तीसरी भागीदार की भूमिका में रहेगी.

7 मिनिट में फाइनेंशियल बिड हो गई फाइनल

इन टेंडरों की प्रक्रिया में एक नया पेंच सामने आया है. एनवीडीए की अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड टेंडर समरी रिपोर्ट के मुताबिक सांवेर माइक्रो लिफ्ट इरीगेशन स्कीम की टेक्नीकल बिड ओपनिंग 27 अक्टूबर को 5 बजकर 5 मिनट पर अपडेट हुई और इसके 10 मिनिट बाद यानी 5 बजकर 15 मिनिट पर फाइनेंशियल बिड ओपन हो गई. इसी तरह फाइनेंशियल बिड 5 बजकर 22 मिनिट पर अपलोड कर दी गई.

इसी तरह चिंकी बोरस माइक्रो इरीगेशन प्रोेजेक्ट में टेक्नीकल बिड ओपनिंग 27 अक्टूबर को 5 बजकर 30 मिनिट पर अपडेट हुई और टेक्नीकल एवेल्युशन के बाद इसे 27 अक्टूबर को ही 3 मिनिट बाद यानी 5 बजकर 33 मिनट पर इसे अपडेट कर दिया गया. इसके दो मिनट बाद यानी 5 बजाकर 35 मिनट पर इसकी फाइनेंशियल बिड ओपन हुई और 5 बजकर 38 मिनट पर इसे अपडेट कर दिया गया.

950 करोड़ के टेंडर विवाद में उलझी मेघा इंजीनियरिंग (MEIL) को फिर NVDA का 3000 करोड़ का टेंडर!

अधिकारी बोले- कम्प्यूटर की तकनीक नहीं जानते

जब इस संबंध में एनवीडीए के सदस्य टेक्नीकल एके सिंघल से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे कम्प्यूटर की तकनीक को नहीं जानते. उधर जब दो टेंडर में विवादित हैदराबाद की कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रस्ट्रक्चर लिमिटेड को टेंडर दिए जाने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में कोई कमेंट नहीं करेंगे.

गौरतलब है कि मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रस्ट्रक्चर पर 2013 के टर्नकी बेसिस पर अपर नर्मदा प्रोजेक्ट डिंडोरी मामले में 40 करोड़ की पैनाल्टी लगाई गई है. बैंक गारंटी जब्त की गई, जबकि खरगोन के लिफ्ट इरीगेशन परियोजना मामले में 55 करोड़ की पैनाल्टी लगाई गई थी, हालांकि दोनों मामले फिलहाल आर्बिटेशन ट्रब्यूनल में विचाराधीन है.

टेंडर नया पार्टियां पुरानी

मामला उन्हीं दो टेंडरों का है, जिनको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा में तनातनी हो गई थी. तकनीकि आधार पर इन टेंडरों को निरस्त कर दिया गया था और फिर से निविदाएं बुलाई थी, लेकिन इस बार भी उन्हीं कंपनियों को उपकृत किए जाने के संकेत मिले हैं, जिन्हें पिछले बार टेंडर अवार्ड हुए थे. दवाब की इंतहा यह है कि इस बार भी उन्हीं तीन कंपनियों के अलावा किसी अन्य ने टेंडर में भागीदारी नहीं की है. मामला 8,393 करोड़ की दो परियोजनाओं का है.

भोपाल। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चिंकी बैराज और सांवेर माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट के टेंडर को लेकर ईटीवी भारत के खुलासे पर एनवीडीए की मुहर लग गई है. इन दोनों विवादास्पद परियोजनाओं के संबंध में ईटीवी ने दावा किया था कि नए टेंडर 4 से 6 फीसदी ब्लो पर अवार्ड होंगे. जब फाइनेंशियल बिड ओपन हुई तब ईटीवी भारत की बात सच निकली. दोनों परियोजनाओं की बिड क्रमशः 5.1 और 5.8 प्रतिशत ब्लो पर खुली हैं. पूर्व में यह निविदाएं हमारी खबर के बाद एक बार निरस्त होने के बाद पुनः बुलाई गई थी.

उधर इन टेंडरों की प्रक्रिया में एक नया पेंच सामने आया है, जो कुछ नए इशाारे करता है. एनवीडीए की अधिकृृत वेबसाइट पर अपलोड दस्तावेज के मुताबिक 27 अक्टूबर को 30 मिनिट में दोनों परियोजनाओं के टेंडर डाॅक्युमेंट अपलोड होकर मूल्यांकित भी हो गए और टेक्नीकल और फाइनेंशियल बिड की औपचारिकता पूरी हो गई.

इनमें उस विवादास्पद कंपनी को भी चुन लिया गया है, जिसके दो विवाद पहले से ही नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के खिलाफ चल रहे हैं. इस बारे में एनवीडीए के सदस्य से जब पूछा तो उनका जवाब था कि हम कम्प्यूटर की तकनीक को नहीं जानते. विवादस्पद कंपनी को क्यों चुना? इस बारे में मेरे पास कोई जवाब नहीं है.

युवा बेरोजगार, सेवानिवृत्त व्यक्तियों को दी जा रही नौकरी, हाईकोर्ट में लगी याचिका

ईटीवी की खबर पर लगी मुहर

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा सांवेर माइक्रो इरीगेशन स्कीम और चिंकी बोरास माइक्रो इरीगेशन के दोनों प्रोजेक्ट के लिए 13 और 14 अक्टूबर को टेंडर डाॅक्युमेंट सब्मिट किए थे. ईटीवी भारत ने 15 अक्टूबर को प्रकाशित अपनी खबर में दावा किया था कि इन दोनों टेंडर में तीन कंपनियां मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रस्ट्रक्चर लिमिटेड, आरवीआर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और तीसरी भागीदार के रूप में एलएनटी लिमिटेड मुंबई ही भाग लेगी. साथ ही इस बार 4 से 6 फीसदी कम पर यह टेंडर जाएंगे. फाइनेंशियल बिड खुलने के बाद ईटीवी भारत की खबर पर मुहर लग गई.

  • नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के सांवेर माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट खरगोन का प्रोजेक्ट में एल-1 हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्राटेक्चर लिमिटेड आई है. इसकी बिड 5.8 ब्लो पर खुली है. इस परियोजना की लागत 2959.29 करोड़ रुपए है.
  • नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चिंकी बोरस माइक्रो इरीगेशन प्रोजेक्ट में आरवीआर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड एल-1 आई है. इसकी बिड 5.01 ब्लो पर ओपन हुई है. इस परियोजना की लागत 5434.79 करोड़ रुपए है.
  • जबकि एलएंडटी ने एक टेंडर में 1 फीसदी ब्लो और दूसरे में 4.42 बढ़ी हुई दरों के साथ तीसरे स्थान पर रही। 15 अक्टूबर को प्रकाशित खबर मंे ई टीवी भारत ने दावा किया था कि इन दोनों टेंडर में एनएंडटी सिर्फ तीसरी भागीदार की भूमिका में रहेगी.

7 मिनिट में फाइनेंशियल बिड हो गई फाइनल

इन टेंडरों की प्रक्रिया में एक नया पेंच सामने आया है. एनवीडीए की अधिकृत वेबसाइट पर अपलोड टेंडर समरी रिपोर्ट के मुताबिक सांवेर माइक्रो लिफ्ट इरीगेशन स्कीम की टेक्नीकल बिड ओपनिंग 27 अक्टूबर को 5 बजकर 5 मिनट पर अपडेट हुई और इसके 10 मिनिट बाद यानी 5 बजकर 15 मिनिट पर फाइनेंशियल बिड ओपन हो गई. इसी तरह फाइनेंशियल बिड 5 बजकर 22 मिनिट पर अपलोड कर दी गई.

इसी तरह चिंकी बोरस माइक्रो इरीगेशन प्रोेजेक्ट में टेक्नीकल बिड ओपनिंग 27 अक्टूबर को 5 बजकर 30 मिनिट पर अपडेट हुई और टेक्नीकल एवेल्युशन के बाद इसे 27 अक्टूबर को ही 3 मिनिट बाद यानी 5 बजकर 33 मिनट पर इसे अपडेट कर दिया गया. इसके दो मिनट बाद यानी 5 बजाकर 35 मिनट पर इसकी फाइनेंशियल बिड ओपन हुई और 5 बजकर 38 मिनट पर इसे अपडेट कर दिया गया.

950 करोड़ के टेंडर विवाद में उलझी मेघा इंजीनियरिंग (MEIL) को फिर NVDA का 3000 करोड़ का टेंडर!

अधिकारी बोले- कम्प्यूटर की तकनीक नहीं जानते

जब इस संबंध में एनवीडीए के सदस्य टेक्नीकल एके सिंघल से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे कम्प्यूटर की तकनीक को नहीं जानते. उधर जब दो टेंडर में विवादित हैदराबाद की कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रस्ट्रक्चर लिमिटेड को टेंडर दिए जाने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में कोई कमेंट नहीं करेंगे.

गौरतलब है कि मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रस्ट्रक्चर पर 2013 के टर्नकी बेसिस पर अपर नर्मदा प्रोजेक्ट डिंडोरी मामले में 40 करोड़ की पैनाल्टी लगाई गई है. बैंक गारंटी जब्त की गई, जबकि खरगोन के लिफ्ट इरीगेशन परियोजना मामले में 55 करोड़ की पैनाल्टी लगाई गई थी, हालांकि दोनों मामले फिलहाल आर्बिटेशन ट्रब्यूनल में विचाराधीन है.

टेंडर नया पार्टियां पुरानी

मामला उन्हीं दो टेंडरों का है, जिनको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा में तनातनी हो गई थी. तकनीकि आधार पर इन टेंडरों को निरस्त कर दिया गया था और फिर से निविदाएं बुलाई थी, लेकिन इस बार भी उन्हीं कंपनियों को उपकृत किए जाने के संकेत मिले हैं, जिन्हें पिछले बार टेंडर अवार्ड हुए थे. दवाब की इंतहा यह है कि इस बार भी उन्हीं तीन कंपनियों के अलावा किसी अन्य ने टेंडर में भागीदारी नहीं की है. मामला 8,393 करोड़ की दो परियोजनाओं का है.

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