भोपाल। गुरुवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने जबलपुर और डिंडौरी में नर्मदा प्रदूषण को लेकर ध्यानाकर्षण लगाया था. इस दौरान बरगी विधायक संजय यादव, जबलपुर से विधायक लखन घनघोरिया और डिंडोरी से विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने नर्मदा प्रदूषण को लेकर ध्यान आकर्षण लगाया. तो वहीं जबलपुर से बीजेपी विधायक अशोक रोहाणी ने कैंट क्षेत्र में पीएम आवास योजना के तहत हितग्राहियों को दूसरी किस्त नहीं मिलने पर सरकार का ध्यानाकर्षण किया.
शहरों के गंदे नाले के पानी से दूषित हो रही है नर्मदा
संजय यादव ने सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि लगातार गंदे नालों का पानी नर्मदा में मिल रहा है. जिससे पीने के पानी और साथ ही नर्मदा में प्रदूषण बढ़ रहा है. ऐसे मामले में सरकार को ध्यान देना चाहिए. इसमें खासतौर से डिंडौरी और जबलपुर में नर्मदा किनारे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि गंदे पानी को नदी में मिलने से रोका जा सके.
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सरकार लगाने जा रही एसटीपी
विधायकों के सवाल पर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ग्वारीघाट में सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित है. इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी सरकार एसटीपी लगाने जा रही है. सरकार का संकल्प है कि नर्मदा में गंदा पानी जाने से रोका जाए. इसके लिए 19 स्थानों पर करीब 1262 करोड़ से ट्रीटमेंट प्लांट स्वीकृत किए गए हैं. जिसमें से कुछ का काम पूरा हो गया है और कुछ पर काम चल रहा है.
ध्यान आकर्षण में दिया जवाब पूरी तरह से असत्य
इसके साथ ही जबलपुर से कांग्रेस विधायक तरुण भनोट ने जबलपुर में नर्मदा रिवर फ्रंट बनाए जाने को लेकर सरकार से आग्रह किया. वहीं कांग्रेस विधायक संजय यादव ने कहा कि उनके द्वारा जो ध्यान आकर्षण किया गया था, उसमें जो जवाब आया है, वह झूठ का पुलिंदा है. मुझसे कहा गया है कि प्लांट लग गया है, जबकि ऐसा नहीं है. आज भी जबलपुर में गंदे नाले को रोकने और डायवर्ट करने का काम प्रदेश सरकार ने नहीं किया है. जबकि सीएम ने खुद गंदे नालों को नर्मदा में ना मिलने देने की घोषणा की थी, इसके बाद भी गंदे नाले नर्मदा में मिल रहे हैं.
दरअसल शिवराज सरकार ने कुछ साल पहले ही नर्मदा को जीवित इकाई घोषित किया था और संकल्प लिया था कि नर्मदा के दोनों किनारों पर साफ सफाई होगी. साथ ही नर्मदा किनारे बसे शहरों के गंदे नाले के पानी को भी मिलने से रोका जाएगा. लेकिन अभी तक कई स्थानों पर STP प्लांट नहीं बने हैं. यही कारण है कि बार-बार विधायक सदन में सवाल उठाकर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं.