भोपाल। देश इस समय संसद भवन के उद्घाटन का मुद्दा जोरों पर चल रहा है. नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा न कराए जाने पर कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध जताया है और राष्ट्रपति का अपमान भी बताया है. वहीं एमपी में बीजेपी के विधायक नारायण त्रिपाठी ने संसद में राम चरण पादुका रखे जाने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा है. नारायण त्रिपाठी ने पीएम मोदी को लिखे इस पत्र में आग्रह किया है कि राम राज्य की सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक रामचरण पादुका को नवीन संसद भवन परिसर में स्थापित किया जाए. नारायण त्रिपाठी ने पत्र में लिखा है कि भारतीय सनातन धर्म और संस्कृति में सत्ता हस्तांतरण का इससे बेहतर प्रतीक नहीं हो सकता.
संसद भवन में राम की चरण पादुका क्यों जरुरी: नारायण त्रिपाठी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि भारत की स्वतंत्रता उपरांत तत्कालीन ब्रिटिश सरकार और भारत सरकार के बीच सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक सेंगोल को स्थापित करने की योजना स्वागत योग्य है. त्रिपाठी ने लिखा कि समूचा भारत वर्ष 7500 वर्ष पूर्व के राम राज्य की स्थापना के लिए संकल्पबद्ध है. नारायण त्रिपाठी ने विंध्य की तपोभूमि का जिक्र करते हुए पत्र में कहा है कि विंध्य का चित्रकूट क्षेत्र राम भरत मिलाप का प्रामाणिक स्थल होने के साथ राम राज्य की प्रथम संकल्पना की जननी भी है.
सनातन धर्मी विचारधार का सम्मान हो: ये वही स्थान है, जहां पर भरत ने सत्ता हस्तांतरण कराना चाहा था और ऋषि मुनियों के आर्शीवाद के साथ गुरुजनों की सहमति से भगवान राम ने अपनी चरण पादुका प्रतीक स्वरुप भरत को दी थी. नारायण त्रिपाठी ने पत्र में लिखा कि भारतीय सनातन संस्कृति में सत्ता हस्तांतरण का इससे बेहतर प्रतीक कोई नहीं है. नारायण त्रिपाठी ने लिखा कि नए संसद भवन में भगवान राम की चरुण पादुका सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रुप में रखी जाएं. ताकि पारदर्शी समदर्शी निष्पक्ष राम राज्य की सनातन धर्मी विचारधारा का वास्तविक सम्मान हो सके.
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पहले भी लिख चुके हैं पीएम को चिठ्टी: हमेशा अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले बीजेपी के बागी विधायक नारायण त्रिपाठी ने पिछले दिनों अपना नया दल बनाने का भी एलान किया था. पीएम मोदी को भी इसके पहले वे चिट्ठी लिखते रहे हैं. इससे पहले पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में नारायण त्रिपाठी ने कहा था कि कोरोना बीमारी के बाद अब लोगों में उसके साइडइफेक्टस हो रहे हैं. उन्होंने पीएम मोदी से आग्रह किया था कि साइड इफेक्टस की जांच और उपचार का बंदोबस्त किया जाए.