भोपाल। राजधानी में महात्मा गांधी की150 वीं जयंती के अवसर पर राजभवन में संगीत संध्या का आयोजन किया गया. जिसे सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग राजभवन पहुंचे. इस संगीत संध्या में राज्यपाल लालजी टंडन पूरे समय मौजूद रहे. इस अवसर पर पद्मश्री संगीतज्ञ गुंदेचा बंधुओं ने गायन कि प्रस्तुतियां दीं.
राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि भारतीय संस्कृति में नाद स्वर को ब्रह्म माना गया है, नाद को मुखरित करने वाले ब्रह्म परमात्मा की वाणी बोलते हैं और शास्त्रीय संगीत के अनेक स्वर और भाव ईश्वर की आराधना के माध्यम है. राज्यपाल लालजी टंडन ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था महात्मा गांधी के त्याग, बलिदान और संघर्ष की देन है और उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापन के रूप में राजभवन में संगीत संध्या आयोजन किया गया है.
महात्मा गांधी ने सारा जीवन एक दर्शन के साथ जिया और दीन दुखियों की आवाज बनकर उन्होंने दुनिया को एक नई दिशा दी और मानवता को उनका संदेश दिया. महात्मा गांधी ने दुनिया को सत्य और अहिंसा के ऐसे शस्त्र दिए हैं, जिनका अलग-अलग समय और देशों में सफलतापूर्वक प्रयोग हुआ है.
राज्यपाल ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में ज्ञान का उतनी संपूर्णता से चिंतन नहीं हुआ है, जितना हमारे देश में हुआ है और ध्रुपद के प्रसिद्ध संगीतज्ञ गुंदेचा बंधुओं ने शास्त्रीय संगीत की परंपरा को दुनिया में ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. हम सबके लिए यह गर्व का विषय है, राज्यपाल ने गुंदेचा बंधुओं को भारतीय शास्त्रीय संगीत परंपरा को सारी दुनिया में और अधिक विस्तार करने की शुभकामनाएं दीं.