भोपाल। वन विहार की शान और लंबे समय तक राज करने वाले मुन्ना बाघ की मौत हो गई है. मुन्ना को दो बार पैरालाइसिस का अटैक आया था. इसके बाद वह लंबे समय से बीमार चल रहा था, जिसके चलते उसकी मौत हो गई.
विश्व प्रसिद्ध नर बाघ मुन्ना सामान्य वनमंडल पश्चिम मंडला से दो साल पहले रेस्क्यू कर 24 अक्टूबर 2019 को वन विहार में लाया गया था. वर्तमान में इसकी उम्र लगभग 19 वर्ष से अधिक थी. बाघ को फरवरी 2020 में पैरों में पैरालाइसिस अटैक आया था, लेकिन उस समय उसका इलाज कर उसे ठीक कर दिया गया था, पर दूसरे बार अटैक आने के कारण उसकी मौत हो गई.
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एक हफ्ते से खानापीना कर दिया था बंद
मुन्ना ने 2 मार्च से अपना सामान्य भोजन लेना बंद कर दिया था. पैरालाइसिस अटैक के दौरान उसका इलाज लगातार डॉ. अतुल गुप्ता, वन्यप्राणी चिकित्सक, वन विहार और अन्य चिकित्सकों के परामर्श द्वारा किया जा रहा था, लेकिन उसमें अधिक वृद्धावस्था के कारण कोई सुधार देखने को नहीं मिला.
वन विहार कर्मचारियों ने नम आंखों से किया अंतिम संस्कार
मुन्ना की मौत आज सुबह 8 बजे हुई. उसका पोस्टमार्टम डॉ. अतुल गुप्ता, वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. सुनील कुमार तुमडिया, डॉ. प्रशांत देशमुख और डॉ. रजत कुलकर्णी द्वारा किया गया. पोस्टमार्टम के बाद वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में उसका नम आंखों से अंतिम संस्कार किया गया.