भोपाल| प्रदेश में मानसून की दस्तक जून माह के अंत तक हो सकती है, इसे देखते हुए भोपाल नगर कमिश्नर ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. नगर निगम आयुक्त ने आपदा प्रबंधन को लेकर एक आवश्यक बैठक कार्यालय में बुलाई. इस बैठक में राजधानी के पूर्व महापौर को भी आमंत्रित किया गया, साथ ही आगामी मानसून की व्यवस्थाओं को लेकर सभी पूर्व महापौर से सुझाव भी आमंत्रित किए गए. इस बैठक के दौरान पूर्व महापौर आलोक शर्मा, विभा पटेल, सुनील सूद, आरके बिसारिया प्रमुख रूप से मौजूद रहे. बैठक में पूर्व महापौर उमाशंकर गुप्ता और कृष्णा गौर किसी कारण से शामिल नहीं हो सके.
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पूर्व महापौर ने दिए सुझाव
बैठक के दौरान पूर्व महापौर ने कहा है कि नालों पर अतिक्रमण बहुत अधिक हो चुका है. अगर पुराने अतिक्रमण नहीं तोड़े जा सकते हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन अतिक्रमण नए सिरे से ना हो इस पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है. नगर निगम को चाहिए कि कोई भी व्यक्ति नालों पर अतिक्रमण ना कर सके इसके लिए एक मॉनिटरिंग टीम भी बनाई जानी चाहिए. साथ ही पीडब्ल्यूडी, पुलिस और नगर निगम जैसी एजेंसियों में बेहतर तालमेल होना चाहिए. इससे अतिक्रमण को रोका जा सकता है.
सफाई के दौरान हो पूरी निगरानी
इस बैठक के दौरान पूर्व महापौर आलोक शर्मा ने भी सुझाव देते हुए कहा कि कई बार देखने में आया है कि सिर्फ फाइलों में नालों की सफाई हो जाती है. सफाई के दौरान इसकी निगरानी होनी चाहिए कि जितना लंबा नाला है उसकी पूरी सफाई बेहतर तरीके से की जाए. किसी भी हाल में काम बीच में बंद नहीं होनी चाहिए, इस काम की निगरानी ड्रोन कैमरे की मदद से होनी चाहिए.
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आलोक शर्मा और विभा पटेल ने दिए सुझाव
बैठक के दौरान आलोक शर्मा और विभा पटेल ने सुझाव दिए हैं कि शहर के सभी क्षेत्रों में 19 जून में क्षेत्रवार कंट्रोल रूम बनाए जाने चाहिए. इससे संबंधित क्षेत्र में समस्या के निराकरण करने में आसानी होगी. बैठक के दौरान पूर्व महापौर विभा पटेल ने सुझाव देते हुए कहा है कि विषम परिस्थितियों में अधिकारियों की मौके पर मौजूद की भी जरूरी है. वहीं दूसरी ओर पूर्व महापौर सुनील सूद ने निगमायुक्त से कहा है कि ऐसे कर्मचारियों का नालों की सफाई के साथ प्रबंधन में साथ लिया जाए, जिन्हें भौगोलिक स्थिति का पूरा ज्ञान है. इसमें पुराने कर्मचारी और अधिकारियों का भी सहयोग लिया जा सकता है, जो लंबे समय से भोपाल नगर निगम में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, क्योंकि वे राजधानी की भौगोलिक स्थिति से बखूबी परिचित है.
नालियों की हो बेहतर सफाई
भोपाल में बाढ़ की स्थिति निर्मित ना हो इसे लेकर अभी से काम किए जाने की आवश्यकता है. जिन नालों में अतिक्रमण किया गया है वहां से अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए. साथ ही सड़कों के पास बनीं नालियों और बड़े नालों की सफाई बेहतर तरीके से होनी चाहिए. जिन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनती है उन क्षेत्रों में बेहतर इंतजाम किए जाने चाहिए. जिससे मानसून के समय जलभराव की स्थिति निर्मित ना हो.
पूर्व महापौरों ने सुझाव में कहा कि ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया जाए जो ऐसे स्थानों पर निवास करते हैं जहां पानी का बहाव काफी तेज होता है. क्योंकि बड़े तालाब का लेवल ओवर फ्लो होने के बाद उसे भदभदा डैम से खाली किया जाता है.
इस दौरान जब पानी छोड़ा जाता है तो कलियासोत नहर से ये पानी होते हुए कोलार की तरफ जाता है, लेकिन इस नहर के आसपास भी कई स्लम एरिया बने हुए हैं, जहां अक्सर पानी भर जाता है. ऐसी स्थिति में इन क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखने की जरूरत है, साथ ही नहर में पानी छोड़े जाने से पहले इन लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित होनी चाहिए.