भोपाल। यूथ कांग्रेस ने पेसा एक्ट में कोआर्डिनेटर की नियुक्तियों में धांधली का आरोप लगाया है. विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि, आदिवासियों के लिए बनाए गए पेसा एक्ट में नियुक्तियों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. यहां फर्जी नियुक्तियां कर दी गई है. विक्रांत ने कुछ फोटो और दस्तावेज दिखाते हुए बीजेपी और संघ पर निशाना साधा है. इस मामले को लेकर भूरिया का कहना है कि, अगर इसमें आदिवासियों को ठगने का काम प्रदेश की बीजेपी सरकार ने बंद नहीं किया, तो आने वाले दिनों में सड़क से सदन तक इस मामले को लेकर वह और उनके साथी मैदान में होंगे.
फर्जी नियुक्ति का आरोप: विक्रांत भूरिया ने कहा कि, मध्य प्रदेश के 89 आदिवासी बाहुल्य ब्लॉकों में इस पेसा एक्ट को लागू कराने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए जो कोऑर्डिनेट नियुक्त किए गए हैं. वह सभी संघ या बीजेपी से जुड़े कार्यकर्ता हैं. कई बीजेपी और संघ के कार्यकर्ताओं की फोटो दिखाते हुए भूरिया ने इस पूरे फर्जीवाड़े को उजागर करने का दावा किया है. उनका कहना है कि, जो लोग बीजेपी और संघ के पदाधिकारी हैं उनको पोषित करने के लिए उन्हें इस योजना के तहत फर्जी नियुक्तियां दे दी गई हैं. विक्रांत का आरोप है कि, सरकारी खर्च पर अपनों को इस सिस्टम में अंदर कर दिया गया है. जो मुख्य उम्मीदवार हैं उनके साथ विश्वासघात किया जा रहा है. महिलाओं के हित की बात करने वाली इस सरकार ने एक भी महिला उम्मीदवार का चयन नहीं किया है.
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BJP पर साधा निशाना: भूरिया ने आरोप लगाया कि, इस पूरे मामले में आरोप के घेरे में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के मातहत काम करने वाले कुछ अधिकारी भी हैं. जो आदिवासियों में फूट डालो और राज करो की नीति के तहत काम कर रहे हैं. बीजेपी सरकार ने इसके लिए विधिवत आवेदन बुलाए थे और साक्षात्कार सूची, आवेदकों की मेरिट लिस्ट तैयार कराई गई थी. जिसमें से 890 उम्मीदवारों को छाटकर, आवेदन के साथ फरवरी 2022 में इंटरव्यू के लिए बुलाया, लेकिन बिना कारण बताए उनके इंटरव्यू ही रद्द कर दिया गए. जिसमें शुरुआती दौर में 119 नियुक्तियां कर दी गई. इसमें भी 119 में, एक भी महिला की नियुक्ति नहीं कि गई जो भाजपा सरकार की महिला विरोधी सोच को उजागर करती है.