भोपाल। गर्मी की दस्तक होने से प्रदेश के कई इलाकों में पेयजल का संकट पैदा होने लगा है. यह स्थिति शहरों क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी देखने को मिल रही है. गर्मी शुरू होने के साथ ही जल स्त्रोतों में पानी का स्तर नीचे जाने से पीने के पानी की समस्या पैदा होने लगी है। जल संसाधन विभाग के पास 29 मार्च तक 14 हजार 197 हैंडपंप बंद होने की भी शिकायतें पहुंची हैं. इनमें से 7 हजार 123 हैंडपंप जल स्तर नीचे जाने की वजह से बंद हो गए हैं. विभाग के पास हर रोज करीबन 300 से ज्यादा पेयजल की शिकायतें पहुंच रही हैं. सबसे ज्यादा पेयजल की समस्या, उज्जैन, छिंदवाड़ा, सागर, सतना, झाबुआ जिलों के निकायों में सामने आ रही है.
इन निकायों में 1 दिन छोड़ कर मिल रहा पानीः गर्मी होने के साथ पेयजल की आपूर्ति करने में बाधा उत्पन्न होने लगी है. हालात यह है कि प्रदेश के 116 निकायों में एक दिन छोड़कर पेयजल की सप्लाई की जा रही है. इसमें सबसे ज्यादा इंदौर संभाग के 27 निकाय, उज्जैन संभाग के 31 निकाय, शहडोल संभाग के 22 निकाय, भोपाल संभाग के 14 निकाय, ग्वालियर के 13 निकाय और सागर संभाग के 6 निकाय में एक दिन छोड़कर पानी की सप्लाई की जा रही है. उधर, नगरीय प्रशासन विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दो माह में 6 हजार से ज्यादा पानी की समस्या को लेकर शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है.
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ग्रामीण इलाकों में भी पानी की समस्याः उधर ग्रामीण इलाकों में भी पानी को लेकर समस्या पैदा होने लगी है. बताया जा रहा है कि करीब 513 ग्रामीण जल परियोजनाएं पानी के स्रोत सूखने के चलते बंद हो गई है, जबकि 387 परियोजनाएं मोटर पंप खराब होने, बिजली की समस्या और दूसरे कारणों से बंद हैं. उधर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के एसई सुरेश सेजकर ने बताया, ''गर्मी के मौसम में कुछ इलाकों में पेयजल को लेकर समस्याएं आती हैं, हालांकि अभी तक निकायों द्वारा इसको लेकर मुख्यालय में रिपोर्ट नहीं भेजी गई है.''