भोपाल। आमतौर पर थाने में शिकायत दर्ज कराने पर आवेदन पत्र पर साइन करके सील लगाकर दे दिया जाता है, लेकिन अब इस पर शिकायत नंबर भी दर्ज करना होगा, जिससे आवेदक शिकायत पर हुई कार्रवाई की जानकारी ले सकेंगे. मध्य प्रदेश सूचना आयोग ने मध्य प्रदेश पुलिस महानिदेशक को आदेश जारी कर राज्य के सभी थाने में आने वाली हर शिकायत का व्यवस्थित रिकार्ड सुनिश्चित कर उन पर नंबर डालने के आदेश दिया है.
सुनवाई के दौरान आया मामला: राज्य सूचना आयोग के आयुक्त राहुल सिंह ने सतना के एक मामले की सुनवाई के दौरान इस संबंध में आदेश दिए हैं. सुनवाई में सतना जिले के रामपुर बाघेलन के कृष्णपाल सिंह ने बताया था कि उनके द्वारा की गई शिकायत पर जब कुछ माह बाद कार्रवाई न किए जाने पर उन्होंने आरटीआई से जानकारी मांगी थी, लेकिन जवाब में पुलिस ने बताया कि इस तरह की कोई शिकायत ही दर्ज नहीं की गई. सुनवाई के दौरान जांच में पाया गया कि पुलिस ने शिकायत की पाउती तो दी, लेकिन उसे जनरल डायरी में नहीं लिखा.
Bhopal AQI सुबह टहलने वाले हों जाएं तो रहें सावधान! सेहत खराब सकती है भोपाल की बिगड़ी हवा
यह दिया आयोग ने आदेश: मामला सामने आने के बाद राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में कहा कि कई मामलों में थाने में रिकॉर्ड सही ढंग से संधारित नहीं किया जा रहा है. इसकी वजह से शिकायत के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होती. थाने से शिकायतों के गायब होने के मामलों को सामान्य नहीं लिया जा सकता. आयोग ने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को आदेश जारी कर कहा है कि थाने में आई सभी शिकायतों का रिकॉर्ड संधारित करना महत्पूर्ण है. इसमें पुलिस अधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है कि थाने में प्राप्त शिकायत की प्रति शिकायतकर्ता को उपलब्ध कराई जाए एवं हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप शिकायतों को जनरल डायरी में दर्ज कराने के उपरांत पुलिस शिकायतकर्ता को जनरल डायरी में दर्ज एंट्री नंबर उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करे. [complaint number on complaint in police station]