भोपाल। मध्यप्रदेश में खिलाड़ियों को तराशने के लिए अब ग्रामीण स्तर पर प्रदेश का खेल विभाग विशेष शिविर लगाएगा और ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने का काम करेगा, इसके लिए प्रदेश के खेल विभाग ने नए तरीके से खाका तैयार करने की योजना बनाई है. मध्यप्रदेश में खेलो इंडिया यूथ गेम की अपार सफलता के बाद प्रदेश का खेल विभाग काफी गदगद है. प्रदेश में हुए खेलो इंडिया टूर्नामेंट में मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों ने भी बेहतर परफॉर्मेंस किया और ओवर आल चैंपियनशिप में तीसरे स्थान पर रहा. जिसमें प्रदेश के खिलाड़ियों ने कुल 96 पदक अपने नाम किए. इसमें 39 गोल्ड, 30 सिल्वर और 27 कांस्य पदक थे. इन 96 पदों में अधिकतर पदक उन खिलाड़ियों ने अपने नाम रहे जो ग्रामीण परिवेश के हैं.
गांव के खिलाड़ी कर रहे कमाल: मध्य प्रदेश की टीम को खेलो इंडिया टूर्नामेंट में पहला गोल्ड वॉटर स्पोर्ट्स में मिला था जिसमें नीरज वर्मा और नितिन वर्मा ने अलग-अलग इवेंट्स में 2-2 गोल्ड अपने नाम किए. यह दोनों ही खिलाड़ी सीहोर के किसानों के बेटे थे. इसके अलावा कई और खेलों में भी किसान पुत्र और पुत्री ग्रामीण परिवेश से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाते हुए नजर आए. ऐसे में ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने के लिए मध्य प्रदेश का खेल विभाग कई तरह से तैयारियां कर रहा है.
ग्रामीण प्रतिभाओं को तरासेगा विभाग: खेल विभाग की पीएस दीप्ति गौड़ मुखर्जी का कहना है कि आने वाले समय में खेल विभाग ग्रामीण प्रतिभाओं को और बेहतर तराशने का काम करेगा क्योंकि देखने में आया कि सीहोर हो, चाहे जबलपुर के आसपास का ग्रामीण क्षेत्र या महेश्वर. यहां काफी संख्या में ग्रामीण परिवार से खिलाड़ी निकलकर सामने आ रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में इन खिलाड़ियों को तराशने के लिए कैंप भी लगाए जाएंगे और ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने का काम खेल विभाग करेगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में लगेगा स्पेशल कैंप: मध्यप्रदेश के महेश्वर में सहस्त्रधारा में वॉटर स्पोर्ट्स की सलालम जैसी प्रतियोगिताएं होती हैं. ऐसे में नर्मदा के आसपास रहने वाले ग्रामीण परिवार के बच्चे इन खेलों के प्रति काफी उत्साहित भी नजर आते हैं और कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो इन प्रतियोगिताओं में आगे चलकर बेहतर परफॉर्मेंस दे सकते हैं. दीप्ति गौड़ मुखर्जी का कहना है कि मध्य प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में भी बहुत सारी प्रतिभाएं हैं लेकिन उन्हें कई बार सही मंच या स्थान नहीं मिल पाता और वह शहरों तक आकर प्रैक्टिस नहीं कर पाते. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में स्पेशल कैंप लगाकर इन खेल प्रतिभाओं की सर्चिंग की जाएगी. जिसके माध्यम से मध्य प्रदेश को और अच्छे खिलाड़ी मिल सके