भोपाल। महाकाल लोक में औंधे मूह गिरी सप्तऋषियों की मूर्तियां और बाकी प्रतिमाओं में आ रही दरारें क्या इस बार चुनाव में शिवराज सरकार की मुसीबत बनेंगी. प्रदेश भर के संत समाज में इस मुद्दे को लेकर भारी आक्रोश है. भोपाल में हुए संत समागम में संत समाज ने प्रस्ताव पारित किया कि सरकार इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो और आगे से कम से कम धार्मिक स्थलों के निर्माण कि गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए. ये स्थल भ्रष्टाचार से मुक्त होने चाहिए. संत समाज ने हैरत जताई है कि हिंदू वादी पार्टी की सरकार में आखिर देव प्रतिमाओं की ऐसी दशा कैसे हो गई.
हिंदू वादी सरकार में देव प्रतिमाओं का ये हाल: पहले गायों की दशा को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके संत समाज ने अब महाकाल लोक को लेकर आवाज बुलंद की है. सत समाज नाराज है कि आखिर हिंदू वादी पार्टी की सरकार में कैसे कालों के काल महाकाल के मंदिर में देवताओं की प्रतिमाओं के साथ भ्रष्टाचार का खेल हो गया. महाकाल लोक में पहले सप्तऋषियों की खंडित हुई मूर्तियों के बाद गिरे गुंबद और बाकी प्रतिमाओं में आई दरार की वजह से संत समाज आक्रोश में है. भोपाल में जुटे प्रदेश भर के संतों ने सरकार से मांग की है कि महाकाल लोक में जो भ्रष्टाचार हुआ है. उसकी जांच करवाई जाए.
इससे जुड़ी कुछ खबरें यहां पढ़ें |
संत समाज की मांग दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो: अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश प्रवक्ता अनिलानंद महाराज ने राज्य सरकार से मांग की है कि महाकाल लोक में देव प्रतिमाएं जो आंधी में गिरी हैं. जिन प्रतिमाओ में दरारें आई हैं. सरकार उनका ठीक ढंग से रखरखाव करे. इसके साथ ही जो इस पूरे मामले के दोषी हैं, जिन्होंने कुछ हजार की प्रतिमाओं की कीमत पंद्रह लाख बताई है. उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. आगे से सरकार इस बात का विशेष ध्यान रखे कि धार्मिक स्थलों पर होने वाले निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर कई स्तरों पर जांच हो और स्थल भ्रष्टाचार मुक्त हों.