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MP में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने राज्य सरकार ने क्या किया, खुद देखेगी SC की टीम - सबसे ज्यादा सड़क हादसे जबलपुर में

मध्यप्रदेश में सड़क हादसों पर सुप्रीम कोर्ट की नजर है. हादसे रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों को पूरा करने में राज्य सरकार लगी है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट की टीम अगले माह जांच करने आ रही है. प्रदेश में करीबन 300 ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किए गए हैं.

MP Road Accident
MP Road Accident रोकने राज्य सरकार ने क्या किया
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Published : Feb 15, 2023, 5:56 PM IST

Updated : Feb 15, 2023, 6:37 PM IST

भोपाल। प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का कितना पालन किया गया, इसकी हकीकत खुद सुप्रीम कोर्ट की टीम आकर देखेगी. यह टीम अगले माह तक मध्यप्रदेश के दौरे पर आएगी. इसको देखते हुए प्रदेश में ब्लॉक स्पॉट को खत्म करने और ट्रैफिक व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए पीटीआरआई सहित सभी निर्माण एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. एजेंसियों ने प्रदेश में नेशनल हाईवे पर 155 और एमपीआरडीसी की सड़कों पर 140 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं, जहां लगातार हादसों की वजह से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश : दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश सहित देशभर में सड़कों पर होने वाले हादसों की संख्या को कम करने के लिए सभी राज्यों को ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने और उनमें सुधार करने के निर्देश दिए गए थे, ताकि ऐसे स्थानों पर होने वाले हादसों को रोका जा सके और लोगों की सड़क हादसा में जान न जाए. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी जिलों में 30 अप्रैल तक कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि कमेटी की हर माह बैठक की जाए और हादसों को रोकने कदम उठाए जाएं.

सड़क हादसों की फॉरेंसिक जांच हो : सुप्रीम कोर्ट ने बड़े सड़क हादसों की फॉरेंसिक जांच की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे. बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का जमीनी स्तर पर कितना पालन किया गया और उससे सड़क हादसों में कितनी कमी आई है, इसे सुप्रीम कोर्ट की कमेटी खुद आकर देखेगी. यह कमेटी अगले माह तक आ सकती है. पीटीआरआई के एडीजी जी जर्नादन के मुताबिक कमेटी का प्रदेश दौरा प्रस्तावित है. यह कमेटी रोड सेफ्टी को लेकर यहां आकर समीक्षा करेगी. प्रदेश में करीबन 300 ब्लैक स्पॉट्स उधर सड़क हादसों पर लगाम लगाने और इस दिशा में किए गए कामों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा भी राज्य सडक सुरक्षा परिषद की बैठक की गई थी.

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सबसे ज्यादा सड़क हादसे जबलपुर में : बैठक में बताया गया था कि प्रदेश के नेशनल हाईवे पर 155, स्टेट हाईवे पर 140 और पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर 60 हादसे हुए हैं. सबसे ज्यादा सड़क हादसे जबलपुर में हुए हैं. यहां पिछले साल 4 हजार 46 सड़क हादसे हुए. इसके अलावा इंदौर, भोपाल सड़क हादसों के मामले में दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. प्रदेश में सड़क हादसों में हर 43 मिनिट में एक मौत हो रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने इस साल के अंत तक सभी ब्लैक स्पॉट खत्म करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि ब्लैक स्पॉट पर काम हो रहा है लेकिन ये इतना आसान नहीं है.

भोपाल। प्रदेश में सड़क सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का कितना पालन किया गया, इसकी हकीकत खुद सुप्रीम कोर्ट की टीम आकर देखेगी. यह टीम अगले माह तक मध्यप्रदेश के दौरे पर आएगी. इसको देखते हुए प्रदेश में ब्लॉक स्पॉट को खत्म करने और ट्रैफिक व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए पीटीआरआई सहित सभी निर्माण एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. एजेंसियों ने प्रदेश में नेशनल हाईवे पर 155 और एमपीआरडीसी की सड़कों पर 140 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं, जहां लगातार हादसों की वजह से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश : दरअसल, सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश सहित देशभर में सड़कों पर होने वाले हादसों की संख्या को कम करने के लिए सभी राज्यों को ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने और उनमें सुधार करने के निर्देश दिए गए थे, ताकि ऐसे स्थानों पर होने वाले हादसों को रोका जा सके और लोगों की सड़क हादसा में जान न जाए. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी जिलों में 30 अप्रैल तक कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि कमेटी की हर माह बैठक की जाए और हादसों को रोकने कदम उठाए जाएं.

सड़क हादसों की फॉरेंसिक जांच हो : सुप्रीम कोर्ट ने बड़े सड़क हादसों की फॉरेंसिक जांच की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए थे. बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का जमीनी स्तर पर कितना पालन किया गया और उससे सड़क हादसों में कितनी कमी आई है, इसे सुप्रीम कोर्ट की कमेटी खुद आकर देखेगी. यह कमेटी अगले माह तक आ सकती है. पीटीआरआई के एडीजी जी जर्नादन के मुताबिक कमेटी का प्रदेश दौरा प्रस्तावित है. यह कमेटी रोड सेफ्टी को लेकर यहां आकर समीक्षा करेगी. प्रदेश में करीबन 300 ब्लैक स्पॉट्स उधर सड़क हादसों पर लगाम लगाने और इस दिशा में किए गए कामों की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा भी राज्य सडक सुरक्षा परिषद की बैठक की गई थी.

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सबसे ज्यादा सड़क हादसे जबलपुर में : बैठक में बताया गया था कि प्रदेश के नेशनल हाईवे पर 155, स्टेट हाईवे पर 140 और पीडब्ल्यूडी की सड़कों पर 60 हादसे हुए हैं. सबसे ज्यादा सड़क हादसे जबलपुर में हुए हैं. यहां पिछले साल 4 हजार 46 सड़क हादसे हुए. इसके अलावा इंदौर, भोपाल सड़क हादसों के मामले में दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. प्रदेश में सड़क हादसों में हर 43 मिनिट में एक मौत हो रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने इस साल के अंत तक सभी ब्लैक स्पॉट खत्म करने के निर्देश दिए हैं. हालांकि ब्लैक स्पॉट पर काम हो रहा है लेकिन ये इतना आसान नहीं है.

Last Updated : Feb 15, 2023, 6:37 PM IST
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