भोपाल। मध्यप्रदेश के पुजारी एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर शंखनाद करने जा रहे हैं. 21 जनवरी को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में महा अधिवेशन होने वाला है. जिसमें प्रदेश के साथ ही देशभर से वरिष्ठ पुजारी शामिल होंगे. इसी की रूपरेखा बनाने के लिए बैठक भोपाल में हुई. इसमें निर्णय लिया गया कि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो इस सरकार के खिलाफ जनजागरण करेंंगे.
हमारी मांगें लंबे समय से लंबित : मध्यप्रदेश पुजारी संघ के नरेंद्र दीक्षित ने बताया कि प्रदेश में पुजारियों की मानदेय सहित उन्हें सरकारी रूप से रहने के लिए पट्टा दिए जाने और हर साल 50 हजार सहायता राशि दिए जाने की मांग लंबे समय से चली आ रही है. लेकिन इस पर सरकार का अभी तक कोई ध्यान नहीं है. सरकार तारीख पर तारीख देती आ रही है. ऐसे में 21 तारीख को अब अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
पुजारियों ने बैठक की : राजधानी भोपाल के प्राचीन श्रीसिद्धेश्वर शिव मंदिर नेहरू नगर भोपाल में पुजारी कर्मकांडी ब्राह्मणों की बैठक हुई. इसमे निर्णय लिया गया कि भोपाल के हिंदी भवन पॉलिटेक्निक चौराहे पर प्रांतीय अधिवेशन होगा. जिसमें पुजारियों की समस्याओं से सरकार को अवगत कराया जाएगा. ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष संत पुजारी संघ स्थापना दिवस समारोह संस्कार उत्सव के रूप में मनाता आया है. इस बार भी 16 संस्कारों पर आयोजन में परिचर्चा होगी. जिसमें प्रदेश के अनेक वैदिक विद्वान भाग लेंगे और मानव जीवन में संस्कारों की अनिवार्यता विषय पर विशुद्ध मंथन होगा।
मांगें नहीं मानी तो आगे की रणनीति बनाएंगे : पुजारी कर्मकांडी ब्राह्मण अपनी अपनी रणनीति बनाएंगे और 21 जनवरी को यदि आयोजन में आकर सरकार के किसी प्रतिनिध ने हमारी लंबित मांगों को पूरा करने का भरोसा नहीं दिया तो अगले चरण की तारीख की घोषणा की जाएगी. संत पुजारी संघ के संस्थापक पंडित नरेंद्र दीक्षित सिद्ध महाराज ने बताया कि हम राजनीति से ऊपर उठकर संपूर्ण मानव जाति संपूर्ण समाज के कल्याण के लिए मंदिरों में पुजारी के रूप में सेवारत हैं. हमारी नजर में जो भी सरकार या जो भी प्रतिनिधि अच्छा कार्य करेंगे, हम उन्हें आशीर्वाद देंगे. राजनीति से हमारा कोई वास्ता नहीं. हम तो सबके हैं. सब हमारे हैं. सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय का सूत्र हम लोग पालन करते है.
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एमपी में 25 हजार पुजारी : बता दें कि मध्य प्रदेश में 25 हजार से भी अधिक पुजारी हैं, जो छोटे गांवों से लेकर बड़े शहरों में मंदिरों में पूजन आदि करते हैं. ये सभी अपने मानदेय को लेकर कई वर्षों से मांग कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस की सरकार ने 2019 में इनका मानदेय 1000 से बढ़ाकर 3000 किया था. लेकिन पुजारी संघ का कहना है कि यह भी बेहद कम है. आज की महंगाई में इतने में गुजारा नहीं हो पाता.