भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बीते सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने के मामले में तो जीतू पटवारी अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ गए थे. कमलनाथ ने भी उनसे पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि ये मर्यादा के खिलाफ है. बीजेपी मुख्यालय में हुए भोजन पर सवाल जीतू पटवारी ने इसके पहले विधानसभा में बीजेपी मुख्यालय में कराए गए चाय नाश्ता और भोजन को मुद्दा उठाया था. अविश्वास प्रस्ताव के दौरान जीतू पटवारी ने आरोप लगाया था कि बीजेपी कार्यालय में जो चाय नाश्ता और भोजन करवाया गया, उसका खर्च भी सरकार के खाते से हुआ है. इस पर संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि ये बीजेपी और उसकी सरकार को बदनाम करने की साजिश है. तब ये मामला तूल पकड़ गया था और इस मामले में जीतू पटवारी पर कार्रवाई की मांग भी उठी थी.
राज्यपाल के अभिभाषण का भी विरोध : कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी की मुश्किलें साल र पहले उस समय बढ़ गई थीं, जब उन्होंने राज्यपाल के अभिभआषण के पहले सोशल मीडिया से इसका बहिष्कार किया था. ट्वीट कर जीतू पटवारी ने जब ये जानकारी दी थी. उसके बाद संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का बयान आया था कि ये उनका विरोध विधानसभा अध्यक्ष को लेकर है या संवैधानिक व्यवस्था में ही वो विश्वास नही करते. ये भी सवाल उठे थे कि क्या जीतू पटवारी बगैर पढ़े ही राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध कर रहे हैं. इस मामले मे कांग्रेस ने भी जीतू पटवारी से पल्ला झाड़ लिया था.
सरकार पर वार करते हैं जीतू पटवारी : नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ का भी उस समय ये बयान आया था कि ये मर्यादा के विपरीत है, ये कांग्रेस का स्टैंड नहीं है. इस पूरे मामले के बाद जीतू पटवारी अपनी ही पार्टी में अलग थलग पड़ गए थे. बाद में जीतू पटवारी से इस मामले में जवाब भी मांगा गया था. आचरण समिति को ये मामला भी सौंपा गया था. बता दें कि कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी उन युवा विधायकों में सबसे आगे गिने जाते, जो सरकार पर करारे वार करते हैं. उनके निशाने पर पूरा सत्ता पक्ष तो रहता ही है, वह सीएम शिवराज पर भी सीधा हमला करते हैं.