भोपाल। कृषि मंत्री कमल पटेल ने पूर्व सीएम कमलनाथ के किसानों के लिए किये गए ट्वीट को ख्याली चिड़िया बताते हुए कहा "सत्ता की तड़प में कमलनाथ को किसान याद आ रहे हैं. कमल पटेल ने पूछा है कि जब आप एमपी के सीएम थे, तब किसानो की याद क्यों नहीं आई. आपने वचन दिया था किसानों का दो लाख तक का कर्जा माफ करेंगे. आपने हस्ताक्षर कर दिए लेकिन बजट में प्रावधान नहीं रखा."
कमलनाथ पर निशाना: मंत्री कमल पटेल ने कहा "15 महीने में आपकी सरकार ने किसानों का एक रुपया प्रीमियम जमा नहीं किया. हमारी सरकार आते से हमने एक सप्ताह के अंदर आपका बकाया प्रीमियम जमा किया और किसानों को हजारों करोड़ों रुपए दिलवाए. आपने स्केल ऑफ फाइनेंस सौ परसेंट से 75 परसेंट कर दिया. इससे प्रदेश के किसानों को 2000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. जो दो हजार करोड़ रुपए का जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई आप मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी से करवाइए."
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किसान को लुभाने की कोशिश : किसानों को भरमाने के लिए कांग्रेस व बीजेपी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. कांग्रेस अब किसानों को लेकर विधानसभा चुनाव के पहले बड़े आंदोलन की तैयारी कर रही है. दूसरी तरफ बीजेपी भी जानती है कि इसी वोटर के हाथ में है सत्ता की चाबी है. लिहाजा किसान यात्राएं निकालने जा रही है. एमपी में 72 फीसदी से ज्यादा आबादी ग्रामीण इलाको में है. 230 विधानसभा सीटों का आंकलन करें तो 170 विधानसभा सीटें प्रदेश की ऐसी हैं, जहां किसानों का वोट ही जीत हार तय करने वाला है. यही वजह है कि कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक दोनों दलों का पूरा फोकस इस वोटर पर है.