भोपाल। दिया तले अंधेरा कहावत है कि, नहीं.. इसी तरह BJP के एक पूर्व मंत्री की हकीकत भी है. (MP Political Gossips) राजनीति में संत कहे जाने वाले सांसद कैलाश जोशी (MP Kailash Joshi) के बेटे दीपक जोशी का यहां जिक्र हो रहा है. जमीनी राजनीति करने वाले दीपक जोशी ने चुनावी साल की शुरुआत से पहले ट्रेलर दिखा दिया है कि, पार्टी संगठन को समय रहते पूरी फिल्म का अंदाजा लग जाए.
भ्रष्टाचार की तरफ इशारा: दीपक जोशी ने एक वीडियो के जरिए अपना संदेश बागली यानि उनकी विधानसभा क्षेत्र के नाम प्रसारित किया है. लेकिन असल में ये संदेश है पूरी भाजपा के लिए उन्होंने भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि बागली अब भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है. अगर यही आलम रहा तो इसके खिलाफ उन्हें कोर्ट से लेकर सड़क पर उतरते देर नहीं लगेगी. दीपक जोशी वैसे भी दबंग नेता माने जाते हैं और खरी खरी कह देने के लिए मशहूर हैं. बीजेपी संगठन की चिंता ये है कि साइड लाईन चल रहे बीजेपी के बाकी बचे पूर्व मंत्री भी इसी अंदाज और तेवर में ना आ जाएं.
टाइगर स्टेट और रवीना जी की चिंता: आपको याद होगा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व एरिया में टाइगर मूवमेंट वाले इलाके में रवीना टंडन फोटोग्राफी करती दिखाई दी थी. उसके बाद काफी बवाल हुआ था. वन्य प्राणियों के विषय में काम करने वाले कुछ एक्टिविस्ट ने इसकी लिखित शिकायत भी की थी. कि कोई कितना बड़ा सितारा वीआईपी हो. लेकिन टाइगर मूवमेंट एरिया में इस तरह की छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. इन शिकायतों में वन विभाग से रवीना टंडन पर कार्रवाई किए जाने की बात भी की गई, लेकिन कहानी तो तब पलट गई जब खबर आई कि इस सारे एपीसोड से नाराज रवीना जी की मान मनौव्वल की जा रही है.
सेलिब्रिटी को यहां सब छूट: उन्हें मनाया जा रहा है कि वे वन मेले में बतौर अतिथि आएं. रवीना आईं भी. और वन मेले के आयोजन का उन्होने भरपूर लुत्फ लिया. सवाल ये है कि टाइगर स्टेट में ये चूक किसी आम आदमी से होती तो भी क्या यही रवैया होता. या सेलिब्रिटी को यहां सब छूट है. कहा ये भी जा रहा है कि वन विभाग के मंत्री जी की ख्वाहिश थी कि उस पूरे एपीसोड से नाराज हुई रवीना टंडन अब खुशी खुशी एमपी से जाएं. और फिर आती रहें.
मंत्री जी की ससुराल गेंदा फूल: एमपी की राजनीति में इन दिनों एक ही ससुराल के चर्चे हैं. ससुराल गेंदा फूल है. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की जिन्हें उनकी ससुराल से 50 एकड़ जमीन दान में मिली है. वो भी पचास की उम्र पार कर जाने के बाद. मीडिया और सोशल मीडिया पर इसके मजे लिए जा रहे हैं. और कहा ये भी जा रहा है कि क्या ये इत्तेफाक है कि इन दिनों एक के बाद एक सिंधिया गुट के बीजेपी नेताओं के कारनामें ही सुर्खियां पा रहे हैं.
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दान की जमीन पर चर्चा: इसके पहले एक एक मंत्री जी को लेकर विवादित वीडियो वायरल हुआ था. जिस वीडियो पर रोक लगवाने मंत्री जी अदालत तक गए. अब सिंधिया गुट के सबसे कद्दावर मंत्रियों में गिने जाने वाले मंत्री की दान की जमीन पर चर्चा में है. सियासी हल्कों में तो ये भी कहा जा रहा है कि ऐसे मुद्दे साशय़ उठाए जा रहे हैं कि चुनावी साल में टिकट वितरण से पहले सिंधिया समर्थक मंत्रियों का कच्चा चिट्ठा मजबूती से तैयार किया जा सके.