भोपाल। "शहर में चुनाव को ध्यान में रखकर अब आधा दर्जन से अधिक फ्लैग मार्च पुलिस ने निकाल दिए हैं. भोपाल शहर के जिन थाना क्षेत्रों में सबसे अधिक संवेदनशील एरिया चिन्हित किए गए हैं, वहां फ्लैग मार्च निकाल लिया गया है और अब निष्पक्ष चुनाव कराने की तैयारी है." यह कहना है कि भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र का. उन्होंने बताया कि पुलिस का फोकस है कि चुनाव पारदर्शी हो, इसी को लेकर कई अभियान चलाए जा रहे हैं. वारंटियों के खिलाफ बड़ा अभियान चल रहा है, कई बार तो 24 घंटे में 800 से ज्यादा वारंटी पकड़े गए हैं. हमने ड्रग्स के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया है, अवैध शराब, अवैध हथियारों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की गई है. इसके साथ उन इलाकों में अपराधियों काे चिन्हित किया गया है, खासकर जिला बदर की कार्रवाई की जा रही है. जब उनसे पूछा कि थानों में बल कम है और पुलिस पर दबाव है, इसका जवाब में उन्हाेंने माना कि निश्चित तौर पर बल की कमी है, लेकिन चुनाव तक हमें बल मिल जाएगा, बल की संख्या बढ़ जाएगी. 18 कंपनियां मिलेगी, बल की संख्या पर्याप्त हो जाएगी, आराम से चुनाव हो जाएगा.
7000 हथियार हाे चुके हैं जमा: शहर में हथियार जमा कराने को लेकर सवाल किया तो जवाब मिला कि 75 फीसदी हथियार जमा हो गए हैं, इनकी संख्या लगभग 7000 है. बाकी हथियार जमा कराने के लिए लगातार लाइसेंस धारियों को सूचना दी जा रही है, लेकिन जब सवाल ट्रैफिक का पूछा तो कमिश्नर ने निर्माण को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि कई जगह निर्माण कार्य से व्यवधान पैदा हो रहा है, लोगों को सूचना दी जाती है, ट्रैफिक पुलिस के माध्यम से कोशिश की जाती है कि त्यौहार, जुलूस के दौरान दिक्कत नहीं आए. उन्होंने यह भी माना कि शहर में कई नए ट्रैफिक जोन बन गए हैं, ऐसी जगहों को चिन्हित किया गया है. पुलिस फोकस कर रही है और इंजीनियर के साथ इसमें फोर्स का रोल अहम होता है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती उन्होंने चुनाव को निष्पक्ष तरीके से कराने को ही माना है.
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थाना पुलिस को करने पड़ रहे हैं तीन तरह के काम: कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र का कहना है कि "भोपाल में करीब 35 थाने थे और इन सभी में 20 से 25 फीसदी स्टॉफ कम है, इस कम बल के ऊपर तीन तरह काम की जिम्मेदारी है. पहली है थाने में प्रतिदिन दर्ज होने वाले क्रिमिनल मामलों की इंवेस्टिगेशन, दूसरी जिम्मेेदारी त्यौहार के कारण बिगड़ रहे ट्रैफिक को संभालना और तीसरा काम सबसे जरूरी हो गया, वो है चुनाव में कैंपेन के दौरान लॉ एंड आर्डर की व्यवस्था ठीक रखना, ऐसे में कई बार ट्रैफिक जाम की हालात बन जाते हैं."