भोपाल। मध्यप्रदेश में भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू (mp police commissioner system)होने के बाद दोनों शहरों के लिए पहले पुलिस कमिश्नर के नाम का ऐलान हो गया है. भोपाल मकरंद देउस्कर और इंदौर में हरिनारायण चारी मिश्र पहले पुलिस कमिश्नर (police commissioner)होंगे. इसके साथ ही अन्य आईपीएस अधिकारियों के पदों में बदलाव करते हुए उन्हें भी उपायुक्त, एडिशनल कमिश्नर और असिस्टेंट कमिश्नर बनाया गया है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस का कहना है कि सीएम शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डर से आननफानन में प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करते हुए अधिकारियों की सेना को खाली हाथ मैदान में उतार दिया है जिनके पास न गोला है न बारूद. वहीं इंदौर के कमिश्नर बने हरि नारयण चारी मिश्र ने कहा कि सीएम शिवराज की मंशा रही है कि पुलिस अपराधियों के प्रति सख्त और जनता के प्रति मैत्री ढंग से पेश आए. अब यहां इसी दिशा में काम किया जाएगा. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने आगे के कामों को लेकर चर्चा की.
इस तरह काम करेगा सिस्टम
- 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी मकरंद देऊस्कर मुख्यमंत्री के ओएसडी थे. वे भोपाल के पहले पुलिस कमिश्नर बनने के साथ ही भोपाल देहात की जिम्मेदारी भी संभालेंगे.
- 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी हरिनारायण चारी मिश्र भी इंदौर कमिश्नर होने का साथ ही इंदौर देहात का भीअतिरिक्त प्रभार संभालेंगे.
भोपाल में इनकी हुई नियुक्ति
भोपाल के डीआईजी इरशाद वली अब एडिशनल पुलिस कमिश्नर होंगे. इंदौर के डीआईजी मनीष कपूरिया अब इंदौर एडिशनल कमिश्नर होंगे. इंदौर एसपी महेश चंद्र जैन, डिप्टी कमिश्नर होंगे. उनके अंडर में इदौर के जोन-3 और जोन-4 होंगे.
- भोपाल नॉर्थ जोन के एसपी विजय खत्री जोन-3 और 4 की जिम्मेदारी संभालेंगे. उनके पास ट्रैफिक व्यवस्था का भी जिम्मा होगा.
- भोपाल साउथ के एसपी साई कृष्ण एस. थोटा डिप्टी कमिश्नर जोन-1 जोन-2 के साथ देहात पुलिस एसपी की जिम्मेदारी भी संभालेंगे.
- एएसपी जोन-1 अंकित जैसवाल, एडिशनल डिप्टी कमिश्नर जोन-1, सीएसपी जहांगीराबाद अभिनव विश्वकर्मा, असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर होंगे.गी।
इंदौर के डिप्टी कमिश्नर होंगे आशुतोष बागरी
-इंदौर (पूर्व) के एसपी आशुतोष बागरी डिप्टी कमिश्नर जोन-1 जोन-2 के साथ ही इंदौर देहात एसपी भी रहेंगे. इंदौर हे़डक्वार्टर एसपी अरविंद तिवारी ,डिप्टी कमिश्नर (पुलिस मुख्यालय इंदौर) होंगे उनपर ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदारी भी होगी.
- सीएसपी आजादनगर, इंदौर मोती उर रहमान असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर के साथ ही साइबर सेल, डेटा एनालिसिस समेत अन्य जिम्मेदारियां भी संभालेंगे.
मोदी जी के डर से लागू किया सिस्टम!
कांग्रेस ने पुलिस कमिश्नर प्रणाली पर उठाते हुए कहा है कि सीएम शिवराज सिंह ने मोदी जी के डंडे के डर से आननफानन में इस सिस्टम को लागू किया है. कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा है कि हाल ही में लखनऊ में हुई पुलिस डीजीपी कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी में लागू कमिश्नर प्रणाली (police commissioner system) की तारीफ की थी. इसी के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने भी ताबड़तोड़ तरीके से मध्य प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली (mp police commissioner system) लागू करने की घोषणा कर दी. कांग्रेस का आरोप है कि सीएम 2008 से ही ऐसी घोषणाएं कर रहे हैं, लेकिन अब आननफानन में कमिश्नर प्रणाली को लागू करके सेना तो उतार दी लेकिन वो खाली हाथ है. उनको ना तो गोला बारूद दिया है और ना ही गोलियां. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार खुद चाहती है कि यह सिस्टम फेल हो जाए. कांग्रेस ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम की खामियों को भी उजागर किया है. हो जिससे वह बाद में इस पर निर्णय ले सके। कांग्रेस ने इस नई पुलिस कमिश्नर प्रणाली की खामियों को उजागर किया है.
सिस्टम फेल हुआ तो बंद कर देंगे!
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाया है कि सरकार को भी इस बात की आशंका है कि सिस्टम फेल होगा. कांग्रेस प्रवक्ता ने इस प्रणाली में कई खामियां भी गिनाईं जिनसे इस सिस्टम के आगे चलकर फेल होने की आशंका है. सलूजा ने शिवराज सरकार में मंत्री भूपेंद्र सिंह के एक बयान का जिक्र भी किया जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि यह सिस्टम फेल रहा तो इसको बंद करने पर भी विचार किया जाएगा.
कांग्रेस नें गिनाईं कमिश्नर सिस्टम की खामियां
- कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस को गुंडों पर कार्रवाई के अधिकार दिए हैं, लेकिन जेल भेजने का अधिकार नहीं दिया है.
- गुंडों को जिला बदर के अधिकार तो दिए हैं लेकिन रासुका के अधिकार नहीं दिए गए हैं.
- गोला बारूद पर नियंत्रण की बात तो कही गई है लेकिन शस्त्र लाइसेंस देने का अधिकार नहीं दिया गया है.
- शांति व्यवस्था बनाए रखने की बात की गई है, लेकिन कर्फ्यू लगाने का अधिकार नहीं दिया गया है.
- अपराधियों पर नियंत्रण लगाने का अधिकार दिया गया है, लेकिन उनकी संपत्ति की जब्ती अधिकार नहीं दिया गया है.
- यातायात नियंत्रण की की बात की गई है ,लेकिन वाहन चालकों के लाइसेंस निरस्तीकरण का अधिकार नहीं दिया गया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार का उद्देश्य और भावना प्रदेश को शांति का टापू को बनाए रखने की है तो उसे सिस्टम को और मजबूत बनाना था. यह नया सिस्टम ऐसा ही है जिसमें सेना को युद्ध के मैदान में भेज दिया गया है, लेकिन खाली हाथ. यह इस बात का संकेत है कि सरकार खुद चाहती है कि यह सिस्टम फेल हो.