भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 की मेरिट लिस्ट घोटाले की आशंका जताई है. अरुण यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि इस मेरिट लिस्ट में जो टॉप 10 बच्चे हैं. उसमें से 7 बच्चों का सेंटर एनआरआई कॉलेज ग्वालियर है. जबकि परीक्षा के लिए 9000 चयनित अभ्यर्थियों में से 1000 का सेंटर यही कॉलेज था. अधिकतर बच्चे इसी कॉलेज से ही मेरिट लिस्ट में क्यों है. प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए की अरुण यादव ने कहा कि इसका नाम व्यपाम से बदल कर कर्मचारी चयन मंडल शिवराज सरकार ने कर दिया है, लेकिन धांधली बरकरार है. इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए.
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एक ही सेंटर से इतने टॉपर्स का आना, लगभग सबके हिंदी में हस्ताक्षर होना घोटाले की शंका को गहरा कर रहा है ।
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शिवराज जी व्यापम का नाम बदलने से घोटाले बन्द नहीं होते उसके लिए कार्यवाही करना पड़ेगी ।
इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएं क्योंकि इसमें भी घोटाला हुआ है ।#MPPatwariScam_2023
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— Arun Subhash Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) July 11, 2023
शिवराज जी व्यापम का नाम बदलने से घोटाले बन्द नहीं होते उसके लिए कार्यवाही करना पड़ेगी ।
इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएं क्योंकि इसमें भी घोटाला हुआ है ।#MPPatwariScam_2023एक ही सेंटर से इतने टॉपर्स का आना, लगभग सबके हिंदी में हस्ताक्षर होना घोटाले की शंका को गहरा कर रहा है ।
— Arun Subhash Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) July 11, 2023
शिवराज जी व्यापम का नाम बदलने से घोटाले बन्द नहीं होते उसके लिए कार्यवाही करना पड़ेगी ।
इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएं क्योंकि इसमें भी घोटाला हुआ है ।#MPPatwariScam_2023
अरुण यादव ने उठाए सवाल: पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा ग्रुप 2 सब ग्रुप 4 की मेरिट लिस्ट आई. जिसकी आशंका थी, वो सच हुई. टॉप 10 में से 7 बच्चों का सेंटर NRI कॉलेज ग्वालियर है. 9 हजार चयनित अभ्यर्थियों में से लगभग 1 हजार चयनित अभ्यर्थियों का सेंटर NRI कॉलेज था. ज्यादातर टॉपर्स के हस्ताक्षर हिंदी में है व उनके इंग्लिश में 25/25 आये हैं. एक ही सेंटर से इतने टॉपर्स का आना, लगभग सबके हिंदी में हस्ताक्षर होना घोटाले की शंका को गहरा कर रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि "शिवराज जी व्यापम का नाम बदलने से घोटाले बंद नहीं होते, उसके लिए कार्रवाई करना पड़ेगी. इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएं, क्योंकि इसमें भी घोटाला हुआ है.
अरुण यादव ने घोटाले का आशंका जाहिर की: अरुण यादव ने इस पूरे मामले में घोटाले की आशंका इसलिए भी जाहिर की है, क्योंकि उनका कहना है कि जितने छात्रों ने हस्ताक्षर किए हैं. सभी ने अपने हस्ताक्षर हिंदी में की है. जबकि उनके अंग्रेजी में 25 में से 25 अंक आए हैं. ग्वालियर का ये एनआरआई (NRI) कॉलेज पहले भी कई बार इस तरह से विवादों में आ चुका है. इसी कॉलेज के बच्चे मेरिट लिस्ट में हैं. आपको बता दें कि जिस कॉलेज के बच्चे टॉपर आए हैं, वह बीजेपी के एक नेता का कॉलेज बताया जा रहा है.
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बच्चों के आए 160 से 180 नंबर: दरअसल कुछ समय पहले ही पीईबी ने पटवारी भर्ती परीक्षा 2022 का रिजल्ट घोषित किया था, लेकिन रिजल्ट के बाद टॉप टेन की लिस्ट नहीं जारी की गई थी. जो अभी जारी की गई है. इस लिस्ट में एक ही सेंटर पर कई छात्रों के टॉप में आने के बाद यह विवाद पैदा हुआ है. दरअसल पटवारी की संयुक्त परीक्षा में कई केंद्रों पर बच्चों के यहां 140 से 145 नंबर तक नहीं आए. वहीं इस सेंटर पर 160 से 180 तक नंबर अधिकतर बच्चों के आए हैं. ऐसे में सवाल ज्यादा उठता है, जब जो बच्चे इंग्लिश में हस्ताक्षर नहीं कर पाते. उनके इतने अधिक नंबर कैसे आ गए. बच्चों के नंबर के स्क्रीनशॉट भी अरुण यादव ने साझा किए हैं.