भोपाल। मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती में गड़बड़ियों की जांच अब हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज कराई जाएगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. सीएम ने इसके पहले शिवनी जिले में विकास यात्रा के दौरान कहा था कि पटवारी भर्ती परीक्षा में जब तक संदेश खत्म नहीं होगा तब तक नियुक्तियां नहीं होंगी. गड़बड़ी करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा, इसके बाद सीएम ने देवस्थान ट्वीट कर जानकारी दी कि हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज राजेंद्र कुमार वर्मा को जांच के लिए नियुक्त किया गया है. जांच में परीक्षा से संबंधित शिकायतों और जांच के दौरान आने वाली अन्य बिंदुओं की भी जांच की जाएगी. जांच के निष्कर्षों के आधार पर अनुशंसा से 31 अगस्त तक राज्य शासन को प्रस्तुत होगी.
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कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से आयोजित ग्रुप-2 , सब ग्रुप-4 और पटवारी भर्ती परीक्षा की जांच के लिये माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधिपति श्री राजेन्द्र कुमार वर्मा को नियुक्त किया गया है। जांच में उक्त परीक्षा से संबंधित शिकायतों एवं जांच के दौरान उद्भूत अन्य प्रासंगिक…
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— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) July 19, 2023
पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर लगातार उठ रहे सवाल: पटवारी भर्ती परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद से ही इसके परिणाम को लेकर सवाल उठ रहे हैं. परीक्षा को लेकर दिल्ली की लगातार नई खबरें आती रही. पटवारी भर्ती परीक्षा कि जो मेरिट समिति सामने आई उसमें सामने आया कि टॉप टेन टॉपर्स में जिन 7 लोगों ने जगह बनाई थी सभी ग्वालियर के एक बीजेपी नेता के NRI कॉलेज में बनाए गए एग्जाम सेंटर से थे. इसके अलावा इस मामले में फर्जी विकलांग सर्टिफिकेट से नौकरी पाने के आरोप भी लगे हैं. आरोप लग रही है कि पटवारी परीक्षा की मेरिट सूची में दिव्यांग कोठ में एक दर्जन से ज्यादा उम्मीदवारों का चयन हुआ. इन सभी को सुनने में कठिनाई थी. इनमें से कई छात्र जो पटवारी परीक्षा में दिव्यांग बनकर सिलेक्ट हुए वही दूसरी परीक्षाओं में सामान्य छात्र के तौर पर शामिल हुए थे.
कांग्रेस लगातार उठा रही मुद्दा: विधानसभा चुनाव के पहले परीक्षा में हुई इस गड़बड़ी को कांग्रेस व्यापम कांड 3 बता रही है. कांग्रेस प्रदेश भर में इस मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही है और इस मामले की हाई कोर्ट के मौजूदा जज से जांच कराए जाने की मांग की जा रही है. उधर पटवारी परीक्षा में धांधली का यह मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में इसको लेकर याचिका दायर की गई है. हालांकि पटवारी भर्ती परीक्षा सवाल उठने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 जुलाई को ट्वीट कर कहा था कि पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम और एक सेंटर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नीतियां अभी रोक रहा हूं सेंटर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा. अब सीएमएस मामले की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराने की बात कही है.