ETV Bharat / state

पोल कैश मामला: सबकी नजर CS, ACS और आयोग की मीटिंग पर, 5 जनवरी के बाद तेज होगी EOW की कार्रवाई - पोल कैश मामला

साल के अंत में मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल लाने वाले पोल कैश मामले में अब सबकी नजर प्रदेश के अधिकारियों और केंद्रीय चुनाव आयोग की मीटिंग पर है, यह मीटिंग 5 जनवरी को दिल्ली में होगी, पोल कैश मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा को तलब किया है.

Economic Offences Wing
ईओडब्ल्यू ऑफिस, भोपाल
author img

By

Published : Dec 25, 2020, 3:50 PM IST

Updated : Dec 25, 2020, 4:27 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में काले धन का लेन देन करने वालों पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है. इस मामले को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने तेजी दिखाते हुए मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और ग्रह विभाग के अपर मुख्य सचिव को तलब किया है. दिल्ली में 5 जनवरी को मध्य प्रदेश के अधिकारियों और केंद्रीय चुनाव आयोग की मीटिंग होगी. इस मीटिंग के बाद ही पोल कैश मामले में ईओडब्ल्यू (Economic Offences Wing) की कार्रवाई तेज होगी. यही वजह है कि राजनेताओं मंत्रियों और पुलिस महकमे की नजर अब इस मीटिंग पर टिकी हुई है.

poll cash case
आयकर भवन , भोपाल
सीएस और एसीएस के साथ 5 जनवरी को होगी मीटिंग

पोल कैश मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा को तलब किया है. इन दोनों अधिकारी को 5 जनवरी को दिल्ली बुलाया गया है. 5 जनवरी को ही केंद्रीय चुनाव आयोग के साथ दोनों अधिकारियों की बैठक होगी. केंद्रीय चुनाव आयोग में यह निर्देश भी दिए हैं कि बैठक में अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है, और आगे क्या कार्रवाई की जानी है. इसको लेकर पूरी तैयारी के साथ आएं. बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव से कहा है कि वह इस बारे में भी बताएं कि आगे कब तक कार्रवाई करेंगे और कार्रवाई का समय सहित सूची बद्ध प्लान तैयार कर दिल्ली लेकर आएं.

सीएस ने मुख्यमंत्री को भी दी पूरी जानकारी

लोकसभा चुनाव के दौरान काले धन का लेन देन करने के इस मामले में मध्य प्रदेश मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी अप्रेजल रिपोर्ट के सभी तथ्यों की पूरी जानकारी सौंपी है. इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पहले ही कह चुके हैं कि पूरे केस में संबंधित लोगों के खिलाफ पुलिस अपना काम कर रही है. हालांकि, अब केंद्रीय चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को तलब किया है, इसके बाद क्या कार्रवाई की जाती है यह देखना होगा. दूसरी तरफ केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग को भी पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जानकारी दी है.

poll cash case
कमलनाथ ( फाइल फोटो )

बैठक के बाद होगी कार्रवाई तेज

केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और गृह विभाग की एसीएस को 5 तारीख को दिल्ली बुलाया है, संभवता इसी दिन बैठक होगी. बैठक के बाद माना जा रहा है कि इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को सौंप दी जाएगी और ईओडब्ल्यू के हाथ मामला आने के बाद ताबड़तोड़ तरीके से इस मामले में कार्रवाई की जाएगी. ईओडब्ल्यू को चुनाव आयोग ने प्राथमिक जांच दर्ज करने के लिए आदेश दिए हैं. दस्तावेज हाथ में आते ही सबसे पहले ईओडब्ल्यू मामले में प्राथमिकी जांच दर्ज कर सकता है और काले धन के लेन-देन से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ कर सकता है. माना जा रहा है कि 5 जनवरी के बाद ईओडब्ल्यू अपने कार्रवाई तेज करेगा और इसी वजह से मंत्रियों राजनेताओं विधायकों और कारोबारियों समेत पुलिस महकमे की नजर 5 जनवरी को होने वाली बैठक पर है.

सबसे पहले आईपीएस अफसरों पर गिर सकती है गाज

ईओडब्ल्यू के पास इस मामले के दस्तावेज और रिपोर्ट पहुंचने के बाद माना जा रहा है कि सबसे पहले उन तीन आईपीएस अफसर और एक राज्यसेवा पुलिस के अफसर पर गाज गिरेगी, जिनके नाम इस रिपोर्ट में हैं. आयकर विभाग के मुताबिक आईपीएस अफसर सुशोभन बनर्जी, संजय माने और बी मधुकुमार की काले धन मामले में अहम भूमिका रही है तो वहीं राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा भी इसमें शामिल हैं. बताया जा रहा है कि ईओडब्ल्यू सबसे पहले इन्हीं अफसरों को तलब करेगा और लेन-देन के बारे में पूछताछ की जाएगी.

कोई भी बचेगा नहीं कार्रवाई होगी

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने काले धन के मामले को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. विश्वास सारंग ने कहा कि इन लोगों ने गरीब बच्चों के मुंह से निवाला छीनकर नेहरू परिवार पर न्योछावर उड़ाने में खर्च किया है. ऐसे लोग बिल्कुल भी बच नहीं सकेंगे, इन लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

विश्वास सारंग, कैबिनेट मंत्री

यह है पूरा मामला

साल 2019 में मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने 52 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, आरके मिगलानी, कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी और एक अन्य कारोबारी अश्विन शर्मा शामिल थे. आयकर विभाग की टीम ने करोड़ों रुपए कैश के साथ-साथ इन ठिकानों से कई दस्तावेज और फाइलें जब्त की थी. इन सभी दस्तावेजों की जांच सीबीडीटी (Central Board of Direct Taxes ) ने की और एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी. इस रिपोर्ट में काले धन का लेन देन करने वाले करीब 64 विधायक और नेताओं के नाम शामिल हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश कैडर के 3 आईपीएस अफसर और एक राज्य पुलिस सेवा के अफसर का नाम भी रिपोर्ट में शामिल है. नेताओं में बसपा विधायक राम भाई और संजीव कुशवाहा, कांग्रेस नेता गोविंद गोयल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का नाम भी इस रिपोर्ट में शामिल हैं. वहीं कई सरकारी विभागों के नाम भी हैं. इन सब विभागों के सामने कलेक्शन की राशि भी लिखी गई है. वहीं आईपीएस अफसरों राजनेताओं, विधायकों और कारोबारियों के नाम के आगे भी राशि लिखी हुई है. इस मामले को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को प्राथमिकी दर्ज करने की भी आदेश दिए हैं. माना जा रहा है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इन सभी विधायकों और राजनेताओं समेत रिपोर्ट में शामिल लोगों पर शिकंजा कसा जा सकता है.

भोपाल। मध्य प्रदेश में साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में काले धन का लेन देन करने वालों पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है. इस मामले को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने तेजी दिखाते हुए मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और ग्रह विभाग के अपर मुख्य सचिव को तलब किया है. दिल्ली में 5 जनवरी को मध्य प्रदेश के अधिकारियों और केंद्रीय चुनाव आयोग की मीटिंग होगी. इस मीटिंग के बाद ही पोल कैश मामले में ईओडब्ल्यू (Economic Offences Wing) की कार्रवाई तेज होगी. यही वजह है कि राजनेताओं मंत्रियों और पुलिस महकमे की नजर अब इस मीटिंग पर टिकी हुई है.

poll cash case
आयकर भवन , भोपाल
सीएस और एसीएस के साथ 5 जनवरी को होगी मीटिंग

पोल कैश मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा को तलब किया है. इन दोनों अधिकारी को 5 जनवरी को दिल्ली बुलाया गया है. 5 जनवरी को ही केंद्रीय चुनाव आयोग के साथ दोनों अधिकारियों की बैठक होगी. केंद्रीय चुनाव आयोग में यह निर्देश भी दिए हैं कि बैठक में अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है, और आगे क्या कार्रवाई की जानी है. इसको लेकर पूरी तैयारी के साथ आएं. बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव से कहा है कि वह इस बारे में भी बताएं कि आगे कब तक कार्रवाई करेंगे और कार्रवाई का समय सहित सूची बद्ध प्लान तैयार कर दिल्ली लेकर आएं.

सीएस ने मुख्यमंत्री को भी दी पूरी जानकारी

लोकसभा चुनाव के दौरान काले धन का लेन देन करने के इस मामले में मध्य प्रदेश मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी अप्रेजल रिपोर्ट के सभी तथ्यों की पूरी जानकारी सौंपी है. इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पहले ही कह चुके हैं कि पूरे केस में संबंधित लोगों के खिलाफ पुलिस अपना काम कर रही है. हालांकि, अब केंद्रीय चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को तलब किया है, इसके बाद क्या कार्रवाई की जाती है यह देखना होगा. दूसरी तरफ केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग को भी पत्र लिखकर इस पूरे मामले की जानकारी दी है.

poll cash case
कमलनाथ ( फाइल फोटो )

बैठक के बाद होगी कार्रवाई तेज

केंद्रीय चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और गृह विभाग की एसीएस को 5 तारीख को दिल्ली बुलाया है, संभवता इसी दिन बैठक होगी. बैठक के बाद माना जा रहा है कि इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज और रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को सौंप दी जाएगी और ईओडब्ल्यू के हाथ मामला आने के बाद ताबड़तोड़ तरीके से इस मामले में कार्रवाई की जाएगी. ईओडब्ल्यू को चुनाव आयोग ने प्राथमिक जांच दर्ज करने के लिए आदेश दिए हैं. दस्तावेज हाथ में आते ही सबसे पहले ईओडब्ल्यू मामले में प्राथमिकी जांच दर्ज कर सकता है और काले धन के लेन-देन से जुड़े सभी लोगों से पूछताछ कर सकता है. माना जा रहा है कि 5 जनवरी के बाद ईओडब्ल्यू अपने कार्रवाई तेज करेगा और इसी वजह से मंत्रियों राजनेताओं विधायकों और कारोबारियों समेत पुलिस महकमे की नजर 5 जनवरी को होने वाली बैठक पर है.

सबसे पहले आईपीएस अफसरों पर गिर सकती है गाज

ईओडब्ल्यू के पास इस मामले के दस्तावेज और रिपोर्ट पहुंचने के बाद माना जा रहा है कि सबसे पहले उन तीन आईपीएस अफसर और एक राज्यसेवा पुलिस के अफसर पर गाज गिरेगी, जिनके नाम इस रिपोर्ट में हैं. आयकर विभाग के मुताबिक आईपीएस अफसर सुशोभन बनर्जी, संजय माने और बी मधुकुमार की काले धन मामले में अहम भूमिका रही है तो वहीं राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा भी इसमें शामिल हैं. बताया जा रहा है कि ईओडब्ल्यू सबसे पहले इन्हीं अफसरों को तलब करेगा और लेन-देन के बारे में पूछताछ की जाएगी.

कोई भी बचेगा नहीं कार्रवाई होगी

मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने काले धन के मामले को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. विश्वास सारंग ने कहा कि इन लोगों ने गरीब बच्चों के मुंह से निवाला छीनकर नेहरू परिवार पर न्योछावर उड़ाने में खर्च किया है. ऐसे लोग बिल्कुल भी बच नहीं सकेंगे, इन लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

विश्वास सारंग, कैबिनेट मंत्री

यह है पूरा मामला

साल 2019 में मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने 52 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, आरके मिगलानी, कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी और एक अन्य कारोबारी अश्विन शर्मा शामिल थे. आयकर विभाग की टीम ने करोड़ों रुपए कैश के साथ-साथ इन ठिकानों से कई दस्तावेज और फाइलें जब्त की थी. इन सभी दस्तावेजों की जांच सीबीडीटी (Central Board of Direct Taxes ) ने की और एक विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपी. इस रिपोर्ट में काले धन का लेन देन करने वाले करीब 64 विधायक और नेताओं के नाम शामिल हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश कैडर के 3 आईपीएस अफसर और एक राज्य पुलिस सेवा के अफसर का नाम भी रिपोर्ट में शामिल है. नेताओं में बसपा विधायक राम भाई और संजीव कुशवाहा, कांग्रेस नेता गोविंद गोयल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का नाम भी इस रिपोर्ट में शामिल हैं. वहीं कई सरकारी विभागों के नाम भी हैं. इन सब विभागों के सामने कलेक्शन की राशि भी लिखी गई है. वहीं आईपीएस अफसरों राजनेताओं, विधायकों और कारोबारियों के नाम के आगे भी राशि लिखी हुई है. इस मामले को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को प्राथमिकी दर्ज करने की भी आदेश दिए हैं. माना जा रहा है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इन सभी विधायकों और राजनेताओं समेत रिपोर्ट में शामिल लोगों पर शिकंजा कसा जा सकता है.

Last Updated : Dec 25, 2020, 4:27 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.