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Nurses Association ने दोबारा शुरू की हड़ताल, अस्पताल का कामकाज प्रभावित, मरीजों को हो रही परेशानी

मध्य प्रदेश में विरोध के सुर तेज होते जा रहे हैं. एक तरफ अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर नर्सेस एसोसिएशन (Nurses Association) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. वहीं दूसरी तरफ आशा-ऊषा और सहयोगिनी कार्यकर्ताओं का भी विरोध तेज होता जा रहा है.

mp nurses association resumes strike
नर्सेस एसोसिएशन की हड़ताल
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Published : Jul 1, 2021, 6:05 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 7:29 PM IST

भोपाल/सीहोर/भिंड। आठ सूत्रीय मांगों को लेकर नर्सेस एसोसिएशन (Nurses Association) का विरोध जारी है. भोपाल में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात के बाद भी नर्सेस और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई है. लिहाजा गुरूवार से पूरे प्रदेश में नर्सों की हड़ताल शुरू हो गई. पूरे प्रदेश में नर्सों की हड़ताल से कामकाज काफी प्रभावित है. मुख्यमंत्री शिवराज (CM Shivraj) के गृह जिले में भी विरोध देखा गया.

मंत्री सारंग से की बात

आश्वासन तक सीमित रही वार्ता

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) से मुलाकात के बाद भी बातचीत सिर्फ आश्वासन तक ही सीमित रही. मंत्री सारंग ने नर्सेस की मांगों पर आश्वासन देते हुए अधिकारियों से मिलने की बात कही. वहीं नर्सेस एसोसिएशन ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उनका कहना है कि मांगों को लेकर सरकार ने 30 तारीख तक का आश्वासन दिया था. समय अवधि खत्म होने के बाद भी सरकार अभी तक मांगें पूरी नहीं कर पाई है.

नर्सेस एसोसिएशन की हड़ताल

सीएम के गृह जिले में कामकाज बंद

नर्सों का विरोध मुख्यमंत्री शिवराज के गृह जिले सीहोर में भी देखने को मिला. अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर जिला अस्पताल सहित जिलेभर के अस्पतालों की नर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गईं. जिला अस्पताल में पदस्थ करीब 90 नर्स परिसर में ही हड़ताल पर बैठकर नारेबाजी करती रहीं. नर्सेस का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी.

MP: आज से नर्सों की हड़ताल, वैक्सीनेशन सहित स्वास्थ्य सेवाएं होगी प्रभावित

अन्य राज्यों के मुकाबले कम मिलती है सुविधा

नर्सेज एसोसिएशन का कहना है कि हम पिछले कई वर्षों से लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार के कानों में अभी तक कोई जू नहीं रेंगी. नर्सेस कोविड में भी लगातार काम करते हुए संक्रमित हुई है. कई के परिवार में लोगों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन सरकार बावजूद इसके इनके प्रति संवेदनशील नहीं है. अन्य राज्यों में नर्सेज को नर्सिंग ऑफिसर के पद पर माना जाता है. उन्हें grade-2 की सुविधा दी जाती है. लेकिन मध्य प्रदेश में अभी भी स्टाफ नर्स का मानदेय दिया जाता है. वहीं रात में ड्यूटी करने के दौरान भी इनका अलाउंस अन्य राज्यों के मुकाबले कम है.

क्या है नर्सेस एसोसिएशन की मांग ?

mp nurses association resumes strike
क्या है नर्सेस एसोसिएशन की मांग ?

आशा-ऊषा कार्यकर्ता भी हड़ताल पर

नर्सेस एसोसिएशन की ही तरह आशा-ऊषा कार्यकर्ता और सहयोगी भी हड़ताल की राह पर हैं. पिछले एक महीने से सभी सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. भिंड में विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं ने सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के काफिले को दौड़कर रोक लिया. इस दौरान सभी ने मंत्री से बात करने की कोशिश भी की, लेकिन मंत्री अरविंद भदौरिया गाड़ी से नहीं उतरे. वह राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया के साथ जिला अस्पताल परिसर में नव निर्मित ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने पहुंचे थे.

मंत्री के काफिले को रोका

आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की 7 सूत्रीय मांग

asha usha workers protest
आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की 7 सूत्रीय मांग

भोपाल/सीहोर/भिंड। आठ सूत्रीय मांगों को लेकर नर्सेस एसोसिएशन (Nurses Association) का विरोध जारी है. भोपाल में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात के बाद भी नर्सेस और सरकार के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई है. लिहाजा गुरूवार से पूरे प्रदेश में नर्सों की हड़ताल शुरू हो गई. पूरे प्रदेश में नर्सों की हड़ताल से कामकाज काफी प्रभावित है. मुख्यमंत्री शिवराज (CM Shivraj) के गृह जिले में भी विरोध देखा गया.

मंत्री सारंग से की बात

आश्वासन तक सीमित रही वार्ता

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) से मुलाकात के बाद भी बातचीत सिर्फ आश्वासन तक ही सीमित रही. मंत्री सारंग ने नर्सेस की मांगों पर आश्वासन देते हुए अधिकारियों से मिलने की बात कही. वहीं नर्सेस एसोसिएशन ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. उनका कहना है कि मांगों को लेकर सरकार ने 30 तारीख तक का आश्वासन दिया था. समय अवधि खत्म होने के बाद भी सरकार अभी तक मांगें पूरी नहीं कर पाई है.

नर्सेस एसोसिएशन की हड़ताल

सीएम के गृह जिले में कामकाज बंद

नर्सों का विरोध मुख्यमंत्री शिवराज के गृह जिले सीहोर में भी देखने को मिला. अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर जिला अस्पताल सहित जिलेभर के अस्पतालों की नर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गईं. जिला अस्पताल में पदस्थ करीब 90 नर्स परिसर में ही हड़ताल पर बैठकर नारेबाजी करती रहीं. नर्सेस का कहना है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी.

MP: आज से नर्सों की हड़ताल, वैक्सीनेशन सहित स्वास्थ्य सेवाएं होगी प्रभावित

अन्य राज्यों के मुकाबले कम मिलती है सुविधा

नर्सेज एसोसिएशन का कहना है कि हम पिछले कई वर्षों से लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार के कानों में अभी तक कोई जू नहीं रेंगी. नर्सेस कोविड में भी लगातार काम करते हुए संक्रमित हुई है. कई के परिवार में लोगों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन सरकार बावजूद इसके इनके प्रति संवेदनशील नहीं है. अन्य राज्यों में नर्सेज को नर्सिंग ऑफिसर के पद पर माना जाता है. उन्हें grade-2 की सुविधा दी जाती है. लेकिन मध्य प्रदेश में अभी भी स्टाफ नर्स का मानदेय दिया जाता है. वहीं रात में ड्यूटी करने के दौरान भी इनका अलाउंस अन्य राज्यों के मुकाबले कम है.

क्या है नर्सेस एसोसिएशन की मांग ?

mp nurses association resumes strike
क्या है नर्सेस एसोसिएशन की मांग ?

आशा-ऊषा कार्यकर्ता भी हड़ताल पर

नर्सेस एसोसिएशन की ही तरह आशा-ऊषा कार्यकर्ता और सहयोगी भी हड़ताल की राह पर हैं. पिछले एक महीने से सभी सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं. भिंड में विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं ने सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के काफिले को दौड़कर रोक लिया. इस दौरान सभी ने मंत्री से बात करने की कोशिश भी की, लेकिन मंत्री अरविंद भदौरिया गाड़ी से नहीं उतरे. वह राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया के साथ जिला अस्पताल परिसर में नव निर्मित ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करने पहुंचे थे.

मंत्री के काफिले को रोका

आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की 7 सूत्रीय मांग

asha usha workers protest
आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं की 7 सूत्रीय मांग
Last Updated : Jul 1, 2021, 7:29 PM IST
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