भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला गुरुवार को तय हो जाएगा. मध्य प्रदेश सहित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस खत्म करने के लिए बीजेपी ने गुरुवार सुबह संसदीय दल की बैठक बुलाई है. माना जा रहा है कि बैठक में मुख्यमंत्री पद के चेहरों को लेकर चर्चा होगी. मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के तमाम दावेदार चुनावी नतीजे आने के बाद दिल्ली दरबार में पहुंच चुके हैं. हालांकि मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली नहीं गए. वे प्रदेश में सक्रिय हैं.
सीएम पद को लेकर दिल्ली में दो दौर की बैठक: दिल्ली में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को लेकर दो दौर की बैठक हो चुकी है. मंगलवार की रात दिल्ली में करीबन 4 घंटे तक बैठक चली थी. इसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पीएम नरेन्द्र मोदी, अमित शाह सहित आला नेता बैठक में शामिल हुए थे. इसके बाद बुधवार को भी बीजेपी आलाकमान के बीच भी लंबी बैठक हुई है. बताया जा रहा है कि पार्टी मध्यप्रदेश में चेहरा बदलने पर विचार कर रही है. विधानसभा चुनाव भी मुख्यमंत्री के चेहरे पर नहीं लड़ा गया.
चुनाव के बाद दावेदारों का दिल्ली दरबार में दस्तक: उधर चुनाव नतीजों के बाद मध्य प्रदेश के नेताओं का दिल्ली दरबार में हाजरी लगाना जारी है. चुनाव में जीतकर आए केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के अलावा कैलाश विजयवर्गीय और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दिल्ली पहुंचकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें जीत की शुभकामनाएं दी. उधर सीएम के दावेदार नेता मध्यप्रदेश की जीत का श्रेय लाड़ली बहना योजना को देने से बच रहे हैं, हालांकि कोई भी नेता खुले तौर पर मुख्यमंत्री की दावेदारी नहीं जता रहे.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से जब सवाल किया गया कि क्या वे भी सीएम के दावेदार हैं, तो उन्होंने कहा कि वे पार्टी के कार्यकर्ता हैं और पार्टी जो जिम्मेदारी देती है, उसे निभाने के लिए तैयार रहते हैं. सीएम पद के बड़े दावेदार माने जा रहे कैलाश विजयवर्गीय पहले ही बयान दे चुके हैं कि, वह केवल विधायक बनने नहीं आए हैं, उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी. उनके इस बयान को मुख्यमंत्री पद की दावेदारी से जोड़ा गया था. उधर प्रहलाद पटेल, नरेन्द्र सिंह तोमर, राव उदय प्रताप सिंह, राकेश सिंह और रीति पाठक ने संसद की सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया.
शिवराज प्रदेश में ही सक्रिय: उधर शिवराज सिंह चौहान चुनाव के नतीजों के बाद दिल्ली नहीं गए. उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान भी कहा कि वे दिल्ली नहीं आएंगे. वे चुनाव के बाद से ही लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यकर्ताओं और जनता के बीच पहुंच रहे हैं. बुधवार को शिवराज छिंदवाड़ा पहुंचे और पार्टी कार्यकर्ता के घर पहुंचकर खाना भी खाया. शिवराज ने एक दिन पहले भी बयान दिया था कि वे प्रधानमंत्री मोदी को 29 कमल (29 लोकसभा सीटों) की माला समर्पित करेंगे. शिवराज पहले भी कई बार कह चुके हैं कि वे कभी मुख्यमंत्री पद की रेस में नहीं रहे, पार्टी जो भूमिका तय करेगी, उसे वे निभाएंगे.