भोपाल। विधानसभा और लोकसभा के नजारे तो आपने देखे ही होंगे. पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं और नौबत कभी-कभी नोकझोंक तक भी पहुंच जाती है. कई बार तो कुछ विधानसभाओं में स्थिति झूमा झटकी तक भी आ जाती है और इन सब को कंट्रोल करने का काम विधानसभा अध्यक्ष या लोकसभा अध्यक्ष का होता है. विधानसभा में जो अध्यक्ष होता है, उसको हर तरह से सक्षम होना जरूरी होता है. लेकिन क्या आपको पता है विधानसभा अध्यक्ष की आंखें भी ठीक होना चाहिए. अब आप सवाल करेंगे कि आंखें तो ठीक सभी की होनी चाहिए. लेकिन इसका खुलासा खुद मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम करते हैं.
विधानसभा के अध्यक्ष की आंखें क्यों ठीक रहनी चाहिए: एमपी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम बताते हैं कि "आखिर विधानसभा के अध्यक्ष की आंखें ठीक रहना क्यों जरूरी है. गिरीश गौतम एक प्राइवेट आई हॉस्पिटल का शुभारंभ करने भोपाल के आईएसबीटी पहुंचे थे. यहां उन्होंने आंखों को स्वस्थ रखने और इससे जुड़ी कई बातें भी कहीं. सभी की आंखें स्वस्थ रहें यह बेहद जरूरी है. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए आंखें बहुत महत्वपूर्ण होती हैं. क्योंकि वह खुद जब आसंदी पर बैठते हैं तो उनकी एक नजर पक्ष के नेताओं पर होती है, तो दूसरी नजर विपक्ष के नेताओं पर रहती है. इसलिए विधानसभा अध्यक्ष की दोनों आंखें ठीक रहना जरूरी है. जिससे दोनों ओर वह बराबरी से देख सकें."
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भोपाल में होने लगा आंखों का इलाज: गिरीश गौतम ने इस दौरान अपना एक किस्सा भी शेयर किया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि "बीच में एक बार उनकी आंखों में कुछ समस्या हो गई थी. जिसके लिए उन्हें दिल्ली जाना पड़ा था. तब वहां डॉक्टरों से बात हुई थी कि भोपाल में भी आंखों के मरीजों के लिए एक ऐसा अस्पताल हो जिससे यहां के लोगों का भी आसानी से इलाज हो जाए. ऐसे में डॉक्टर साहब ने उनका निवेदन स्वीकार किया और भोपाल में इस आंखों के अस्पताल की स्थापना की. अब जो सरकारी खर्चा उनके आने-जाने में उपयोग होता था, वह खर्च नहीं होगा और सरकारी खजाने पर भी बोझ नहीं आएगा. विधानसभा अध्यक्ष के साथ यहां चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी आंखों की उपयोगिता की बात कही. उनका कहना था कि "अगर आंखें स्वस्थ रहती हैं तो निश्चित ही आपकी दृष्टि में सभी कुछ समा सकता है और आप इन आंखों से हर व्यक्ति को आसानी से ऑब्जर्व भी कर सकते हैं.