भोपाल। मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) द्वारा भेजे गए नोटिस के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को तलब किया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाने से मना कर दिया है. दरअसल, ED ने दो माह पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को नोटिस भेजकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा था, जिसके खिलाफ डॉ. गोविंद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
कपिल सिब्बल ने कोर्ट में रखा पक्ष: नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और समीर सोढ़ी पेश हुए. कपिल सिब्बल ने कहा कि- "केन्द्र सरकार के दवाब में ईडी ने बिना किसी कारण यह नोटिस जारी किया था. मामले में कोर्ट ने ईडी को नोटिस भेजा है और 4 सप्ताह में नोटिस का जवाब तलब किया है. हालांकि, कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान ईडी द्वारा की जा रही कार्रवाई पर रोक लगाने से मना कर दिया."
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गोविंद सिंह को जनवरी में मिला था नोटिस: उधर, सुप्रीम कोर्ट के मामले में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने उम्मीद जताई है कि उन्हें मामले में कोर्ट से न्याय मिलेगा. उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्रीय एजेंसियां बीजेपी सरकार के इशारे पर काम कर रही हैं. दवाब के लिए नोटिस भेज दिए जाते हैं. ईडी ने जनवरी माह में उन्हें जो नोटिस भेजा था, उसमें इस बात का जिक्र ही नहीं था कि किस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए कहा जा रहा है. बता दें कि मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002 के तहत नोटिस जारी कर 27 जनवरी को सुबह 11 बजे बुलाया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के करीब 7 माह पहले नोटिस जारी करना इशारा करता है कि यह सब बीजेपी के कहने पर किया जा रहा है.