भोपाल। स्वास्थ्य कर्मचारी बहनें राखी लेकर भोपाल पहुंची. जहां सीएम हाउस जाते वक्त रास्ते में ही उन्हें पुलिस ने रोक लिया. जिसके बाद पॉलिटेक्निक के बाहर ही महिलाएं धरने पर बैठ गईं. इस दौरान एक महिला कर्मचारी बेहोश भी हो गई. NHM के तहत सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों द्वारा 10 से 15 साल तक सेवाएं देने के बाद उन्हें रोगी कल्याण समिति एवं आउटसोर्स के अधीन किए जाने का विरोध लगातार जारी है. कर्मचारियों का आरोप है कि लंबे समय से शासन-प्रशासन से अपनी जायज मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. आउटसोर्स कर्मी महिलाएं राजधानी भोपाल के पॉलिटेक्निक चौराहे पर पहुंची सभी महिलाओं के हाथ में राखी थी और सीएम शिवराज सिंह चौहान से मिलने की मांग कर रही थीं. महिलाओं का कहना है कि "जब तक सीएम शिवराज उनके हाथों से राखी नहीं बंधवाते और उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक यह हड़ताल इसी तरह से जारी रहेगी."
आउटसोर्स कर्मचारियों के सामने रोजी रोटी की संकट: प्रदर्शन में शामिल स्वास्थ्य कर्मचारी शशि शुक्ला का कहना है कि "पहले यह एनएचएम में संविदा पर नियुक्त थे, अब आउटसोर्स पर कर दिया गया है. ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है. छोटे-छोटे बच्चों को घर पर छोड़कर यह आई हैं. वहीं मधु विषकट के साथ धरने में शामिल कुछ महिलाओं का यहां रो-रो कर बुरा हाल था. उनका कहना था कि राखी का त्योहार नजदीक है और उनके पास उतने पैसे भी नहीं है कि इस त्योहार को मना सके. एक भाई को अपनी बहनों की चिंता करनी चाहिए. मुख्यमंत्री लाडली बहन की बात करते हैं."
आउटसोर्स पर काम कर रही महिलाएं सरकार से मांग: बता दें कि मध्य प्रदेश में आउटसोर्स पर काम कर रही एएनएम और जीएनएम लगातार पदोन्नति की मांग कर रही हैं. इसी को लेकर उन्होंने भोपाल के जयप्रकाश अस्पताल में पुरूष कर्मचारियों ने मुंडन करवाया था और महिला कर्मचारियों ने बाल कटवा कर अपना विरोध दर्ज कराया था. दूसरी ओर यह सभी स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी के निवासी भी पहुंचे थे. लेकिन मंत्री बंगले पर मौजूद नहीं थे. जिस वजह से यह सभी बंगले के बाहर ही जमकर नारेबाजी करने लगे थे. कुछ देर नारेबाजी और प्रदर्शन के बाद पुलिस ने यहां से हटा दिया. जिसके बाद आज ये सभी सीएम हाउस घेराव के लिए जाना चाह रहे थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें पॉलिटेक्निक के पास रविंद्र भवन के बाहर ही रोक दिया और वहीं यह सभी धरने पर बैठ गए.