नई दिल्ली (IANS)। ऐन चुनावों में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने कहा कि "मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ कांग्रेस नेता गोविंद सिंह की याचिका में हस्तक्षेप का कोई मामला नहीं बनता है."
राज्यसभा के 2020 के चुनाव में सिंधिया की उम्मीदवारी को इसलिए दी गई चुनौती: कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने 19 जून, 2020 को हुए राज्यसभा के चुनाव में सिंधिया की उम्मीदवारी को इस आधार पर चुनौती दी थी कि शपथ पत्र के साथ नामांकन पत्र जमा करते समय उन्होंने भोपाल में दर्ज एफआईआर के संबंध में जानकारी का खुलासा नहीं किया था. यह तर्क दिया गया कि सिंधिया ने अपने नामांकन पत्र में एफआईआर का खुलासा न कर तथ्यों को छुपाया जो धोखाधड़ी और भ्रष्ट आचरण के बराबर है और उनके चुनाव को शून्य घोषित किया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें |
ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दिया गया तर्क: देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिका में तर्क दिया गया कि "हाई कोर्ट ने चुनाव याचिका की समीक्षा करने से इसलिए इनकार कर दिया था कि केवल एफआईआर दर्ज करना एक "लंबित आपराधिक मामला" नहीं बनता है जिसका खुलासा नामांकन पत्रों में किया जा सके. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाई कोर्ट में कहा था कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक केस नहीं है और तर्क दिया था कि केवल एफआईआर दर्ज कर लेने से अपराध साबित नहीं हो जाता.