भोपाल। अनुराधा सिंघई के खिलाफ शिकायत भोपाल जिला न्यायालय में की गई थी. इस मामले में जिला न्यायालय के निर्देश पर उद्यमिता विकास केंद्र (CEDMAP)) की कार्यकारी संचालक अनुराधा सिंघई के खिलाफ एमपी नगर थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया. आरोप है कि सेडमैप में कार्यकारी संचालक के पद पर नियुक्ति के लिए उन्होंने षड्यंत्रपूर्वक कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत किए. जांच में यह बात भी सामने आई है कि निजी संस्थाओं को फायदा पहुंचाने के लिए उन्होंने सेडमैप मैनेजमेंट प्रोग्राम भोपाल एवं रायपुर में बंद करवा दिए. इससे सेडमैप को वित्तीय क्षति पहुंची.
फर्जी दस्तावेज से पाई नौकरी : इस मामले की शिकायत जिला न्यायालय में की गई थी. जांच के बाद पूरे मामले में न्यायालय ने एमपी नगर थाने को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया. थाना प्रभारी सुधीर अरजरिया ने बताया कि 17 मार्च 2021 को सेडमैप में कार्यकारी संचालक पद के लिए विज्ञापन जारी हुआ था. जिसमें मुख्य योग्यता 15 लाख रुपये प्रति वर्ष वेतनमान की नौकरी में कार्यरत होना था. इस मामले में अनुराधा सिंघई पर आरोप है कि सिंघई द्वारा उक्त रकम की फर्जी पेमेंट स्लिप एवं फर्जी दस्तावेज तैयार कर खुद को गलत सैलरी पाना बताया गया है.
अनुभव प्रमाण-पत्र भी फर्जी : इतना ही नहीं, इस नौकरी को पाने के लिए उनके द्वारा अपनी तीन साल के इनकम टैक्स रिटर्न में वार्षिक आय गलत तरीके से दिखाई थी. साथ ही 10 वर्ष का अनुभव प्रमाण-पत्र भी गलत तरीके से बनाया और इन सबके आधार पर उन्होंने सेडमैप में कार्यकारी संचालक की नौकरी हासिल कर ली. इसके अलावा सेडमैप में कार्यकारी संचालक पद ग्रहण करते समय अपनी स्वयं की कंपनियों में पदों से इस्तीफा नहीं दिया, जोकि नियमों का उल्लंघन है. पुलिस ने अनुराधा सिंघई पर धारा 420, 476,468,471 के तहत मामला दर्ज किया है.