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MP News: CM ने किया 'लर्न एंड अर्न' योजना को शुभारंभ, शिवराज बोले- सीखो कमाओ योजना से रोजगार मिलने में होगी आसानी

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में सीखो कमाओ योजना का शुभारंभ किया. सीएम ने कहा अब युवाओं को रोजगार मिलने में आसानी होगी.

seekho kamao yojana
मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 22, 2023, 10:38 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सीखो कमाओ योजना का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर सीएम शिवराज ने कहा कि" सीखो कमाओ योजना से युवाओं को रोजगार मिलने में आसानी होगी. इस प्रोग्राम के तहत युवाओं को जॉब ओरिएंट स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी. छात्रों को कार्यक्षेत्र में रहकर अनुभव प्राप्त करने और कौशल विकसित करने का मौका मिलेगा. प्रशिक्षण के साथ ही युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड दी जाएगी. 12वीं उत्तीर्ण को 8 हजार रुपये, ITI उत्तीर्ण को 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9000, स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले को 10 हजार प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा."

लर्न एंड अर्न लांच: 'मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना' ऑन द जॉब ट्रेनिंग के शुभारंभ कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, "मध्यप्रदेश ने इतिहास रचा है. हमने कल्पना की थी, हमारे जो बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर लेते हैं, 12वीं या आइटीआई कर लेते हैं, उनको जॉब की जरूरत होती है. शिक्षा का उद्देश्य है ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना. मैंने देखा है कि बच्चे रोजगार के लिए परेशान होते हैं. कई दिनों से बात दिमाग में थी कि रोजगार के नए तरीके कैसे खोजे जाएं. एक तरीका है शासकीय नौकरी में रोजगार. हमने अब तक 60,000 लोगों को सरकारी नौकरी दे दी है और बाकी के लिए प्रक्रिया जारी है."

seekho kamao yojana in mp
भोपाल में बच्चों के प्रमाण पत्र देते हुए सीएम शिवराज

दूसरा स्वरोजगार, कई योजनाएं हैं तैयार: उद्यम क्रांति योजना में एक लाख से लेकर 50 लाख तक का ऋण मिलता है. कई लोगों ने बेरोजगारी भत्ता के नारे दिए लेकिन मेरा मानना है कि चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं, पंख देती है. गाय अपने बच्चे को खड़ा करती है, शेरनी अपने बच्चों को शिकार करना सिखाती है, इसलिए बेरोजगारी भत्ता से कोई लाभ नहीं है. हमने कहा कि "हम अपने बच्चों को काम सिखाएंगे, पंख देंगे. इसलिए तय किया कि हमारे बच्चे अलग-अलग कंपनियों में काम सीखने जाएंगे. एक तरफ स्किल्ड मैनपावर की कमी है और दूसरी तरफ रोजगार नहीं है, हमने दोनों को जोड़ दिया. हम कंपनियों में बच्चों को काम सीखने के लिए भेजेंगे और उसके साथ ही स्टाइपेंड देंगे. इसके लिए 'मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना' प्रारंभ कर रहे हैं. बाद में पर्मानेंट जॉब कर सकते हैं या अपनी खुद कि इंडस्ट्री लगा सकते हैं. ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास पहले बहुत बड़ी दौलत नहीं थी, बाद में वो सफल हुए. हम अनंत आकाश में ऊंची उड़ान भरेंगे, हम मजबूर नहीं, मजबूत बनेंगे."

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मामा तैयार है, कंपनियां तैयार हैं और बच्चे भी तैयार हैं: सीएम ने कहा "हमने जून से रजिस्ट्रेशन शुरू किया था. 8 लाख से ज्यादा बच्चों ने पंजीकरण कराया है और यह क्रम लगातार जारी रहेगा. अब तक 16,744 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं. 70,386 पद अब तक प्रकाशित हो चुके हैं. 15,092 अनुबंध निर्मित किये जा चुके हैं. हमारी कोशिश होगी कि लाखों अनुबंध स्वीकृत हो जाएं, इसकी कोई सीमा नहीं रहेगी. मैं तुम्हारे सपनों को मरने नहीं दूंगा, तुमको कभी निराश नहीं होने दूंगा. युवाबल के लिए रोजगार के खुलेंगे द्वार, उद्योगों को मिलेंगे कुशल कामगार, प्रदेश के विकास को मिलेगी नई रफ्तार. कई बार मैं बच्चों से पूछता हूं कि पढ़ाई के बाद क्या करोगे, तो जवाब नहीं मिलता, ऐसी शिक्षा का क्या काम. अब जिसको जितना पढ़ना है, पढ़ें, उसके बाद काम सीखने जाएं. आपको नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास और रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा प्रमाणन मिलेगा."

8,000 रुपये से 10,000 तक का स्टाइपेंड आपको मिलेगा: भोपाल में हम संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं. 6,000 बच्चों को हम ट्रेनिंग देंगे. मॉडल आइटीआई में ट्रेनिंग दी जा रही है. मध्यप्रदेश में 3,500 से अधिक स्टार्टअप्स हैं. 3 लाख बेटे-बेटियों को हम स्वरोजगार के लिए ऋण देते हैं. मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना अद्भुत योजना है. यह देश में अनूठा अद्भुत प्रयोग है, जिसे सभी राज्य स्वीकार करेंगे जो कंपनियां आगे आई हैं, उनको धन्यवाद देता हूं और बेटे-बेटियों को शुभकामना देता हूं. आप रोजगार प्राप्त करो और प्रदेश के विकास में योगदान दो. युवा वो है, जिसके सीने में आग होती है, अगर वो ठान ले, तो हर काम को पूरा कर सकता है, इसलिए अपनी शक्तियों को पहचानो. आओ अपने आंतरिक देवत्व का आह्वान करो. काम सीखो, परिवार के लिए सहारा बनो, अपने प्रदेश को आगे बढ़ाओ.

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सीखो कमाओ योजना का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर सीएम शिवराज ने कहा कि" सीखो कमाओ योजना से युवाओं को रोजगार मिलने में आसानी होगी. इस प्रोग्राम के तहत युवाओं को जॉब ओरिएंट स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी. छात्रों को कार्यक्षेत्र में रहकर अनुभव प्राप्त करने और कौशल विकसित करने का मौका मिलेगा. प्रशिक्षण के साथ ही युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड दी जाएगी. 12वीं उत्तीर्ण को 8 हजार रुपये, ITI उत्तीर्ण को 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9000, स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले को 10 हजार प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा."

लर्न एंड अर्न लांच: 'मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना' ऑन द जॉब ट्रेनिंग के शुभारंभ कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, "मध्यप्रदेश ने इतिहास रचा है. हमने कल्पना की थी, हमारे जो बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर लेते हैं, 12वीं या आइटीआई कर लेते हैं, उनको जॉब की जरूरत होती है. शिक्षा का उद्देश्य है ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना. मैंने देखा है कि बच्चे रोजगार के लिए परेशान होते हैं. कई दिनों से बात दिमाग में थी कि रोजगार के नए तरीके कैसे खोजे जाएं. एक तरीका है शासकीय नौकरी में रोजगार. हमने अब तक 60,000 लोगों को सरकारी नौकरी दे दी है और बाकी के लिए प्रक्रिया जारी है."

seekho kamao yojana in mp
भोपाल में बच्चों के प्रमाण पत्र देते हुए सीएम शिवराज

दूसरा स्वरोजगार, कई योजनाएं हैं तैयार: उद्यम क्रांति योजना में एक लाख से लेकर 50 लाख तक का ऋण मिलता है. कई लोगों ने बेरोजगारी भत्ता के नारे दिए लेकिन मेरा मानना है कि चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं, पंख देती है. गाय अपने बच्चे को खड़ा करती है, शेरनी अपने बच्चों को शिकार करना सिखाती है, इसलिए बेरोजगारी भत्ता से कोई लाभ नहीं है. हमने कहा कि "हम अपने बच्चों को काम सिखाएंगे, पंख देंगे. इसलिए तय किया कि हमारे बच्चे अलग-अलग कंपनियों में काम सीखने जाएंगे. एक तरफ स्किल्ड मैनपावर की कमी है और दूसरी तरफ रोजगार नहीं है, हमने दोनों को जोड़ दिया. हम कंपनियों में बच्चों को काम सीखने के लिए भेजेंगे और उसके साथ ही स्टाइपेंड देंगे. इसके लिए 'मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना' प्रारंभ कर रहे हैं. बाद में पर्मानेंट जॉब कर सकते हैं या अपनी खुद कि इंडस्ट्री लगा सकते हैं. ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास पहले बहुत बड़ी दौलत नहीं थी, बाद में वो सफल हुए. हम अनंत आकाश में ऊंची उड़ान भरेंगे, हम मजबूर नहीं, मजबूत बनेंगे."

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मामा तैयार है, कंपनियां तैयार हैं और बच्चे भी तैयार हैं: सीएम ने कहा "हमने जून से रजिस्ट्रेशन शुरू किया था. 8 लाख से ज्यादा बच्चों ने पंजीकरण कराया है और यह क्रम लगातार जारी रहेगा. अब तक 16,744 कंपनियां पंजीकृत हो चुकी हैं. 70,386 पद अब तक प्रकाशित हो चुके हैं. 15,092 अनुबंध निर्मित किये जा चुके हैं. हमारी कोशिश होगी कि लाखों अनुबंध स्वीकृत हो जाएं, इसकी कोई सीमा नहीं रहेगी. मैं तुम्हारे सपनों को मरने नहीं दूंगा, तुमको कभी निराश नहीं होने दूंगा. युवाबल के लिए रोजगार के खुलेंगे द्वार, उद्योगों को मिलेंगे कुशल कामगार, प्रदेश के विकास को मिलेगी नई रफ्तार. कई बार मैं बच्चों से पूछता हूं कि पढ़ाई के बाद क्या करोगे, तो जवाब नहीं मिलता, ऐसी शिक्षा का क्या काम. अब जिसको जितना पढ़ना है, पढ़ें, उसके बाद काम सीखने जाएं. आपको नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा. मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास और रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा प्रमाणन मिलेगा."

8,000 रुपये से 10,000 तक का स्टाइपेंड आपको मिलेगा: भोपाल में हम संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं. 6,000 बच्चों को हम ट्रेनिंग देंगे. मॉडल आइटीआई में ट्रेनिंग दी जा रही है. मध्यप्रदेश में 3,500 से अधिक स्टार्टअप्स हैं. 3 लाख बेटे-बेटियों को हम स्वरोजगार के लिए ऋण देते हैं. मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना अद्भुत योजना है. यह देश में अनूठा अद्भुत प्रयोग है, जिसे सभी राज्य स्वीकार करेंगे जो कंपनियां आगे आई हैं, उनको धन्यवाद देता हूं और बेटे-बेटियों को शुभकामना देता हूं. आप रोजगार प्राप्त करो और प्रदेश के विकास में योगदान दो. युवा वो है, जिसके सीने में आग होती है, अगर वो ठान ले, तो हर काम को पूरा कर सकता है, इसलिए अपनी शक्तियों को पहचानो. आओ अपने आंतरिक देवत्व का आह्वान करो. काम सीखो, परिवार के लिए सहारा बनो, अपने प्रदेश को आगे बढ़ाओ.

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