भोपाल। राजधानी में गुरुवार को विशेष न्यायाधीश ने व्यापम फर्जीवाड़ा मामले में 1 सॉल्वर और 4 दलालों को 7-7 साल की सजा सुनाई है. यह सभी साल 2013 में हुई पीएमटी परीक्षा फर्जीवाड़े में दोषी करार दिए गए हैं. इन सभी को 7 सालों की सजा के साथ जुर्माना भी लगाया गया है. शुरुआत में इस मामले की STF जांच कर रहा था लेकिन बाद में यह मामला CBI को सौंप दिया गया था. सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर ही इन आरोपियों को सजा सुनाई गई है.
क्या है मामला: व्यापम द्वारा साल 2013 में मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवार के स्थान पर दूसरे व्यक्ति से परीक्षा दिलवाई गई थी. इसके बाद इंदौर में पकड़े गए एक डमी उम्मीदवार के बाद इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया. मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाले को लेकर काफी हंगामा मचाा था. इसके बाद इस पूरे मामले की जांच के लिए STF का गठन किया गया था लेकिन प्रदेश के कई बड़े रसूखदारों के नाम आने के बाद इस पूरे मामले की जांच को CBI को सौंप दिया था.
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किसे कितनी मिली सजा: सीबीआई के विशेष न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया ने सीबीआई द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में अवैध रूप से प्रवेश दिलाने के मामले में 5 आरोपियों को दोषी माना. इन्हें 7-7 साल के कठोर करावास और 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. सजा पाने वालों में चार दलाल राकेश कुमार ,हार्दिक पटेल ,श्रवण सोनार, धनंजय सिंह और एक सॉल्वर मुकेश मौर्य शामिल हैं.
आपको बता दें कि अब व्यापम का नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया गया है.