भोपाल। अगर आपके पास पर्याप्त है तो बेहतर है कि और जुटाने के बजाए आप छोड़ देने में यकीन करें. रतलाम विधानसभा सीट से तीसरी बार चुने गए चेतन कश्यप की पहचान इतनी भर नहीं है कि एक विधानसभा सीट से वे लगातार तीसरी बार चुनाव जीत गए. पहचान ये है कि साधन संपन्न होने के बाद उन्होंने विधायक पद के साथ मिलने वाला वेतन और भत्ता लेने से साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जब भगवान का दिया सब कुछ है मेरे पास तो ये वेतन भत्ता जनता के काम आना चाहिए.
एमपी के सबसे अमीर विधायक: बीते विधानसभा चुनाव तक देश के टॉप टेन संपन्न विधायकों में पहले नंबर पर रहे चेतन कश्यप 16 वीं विधानसभा में भी एमपी के सबसे धनवान विधायक हैं. मध्य प्रदेश की 16वीं विधानसभा में चेतन्य कश्यप सबसे अमीर विधायक हैं. उन्होंने अपने नॉमिनेशन में बताया कि इस समय उनके पास 294 करोड़ की चल अचल संपत्ति है. और सालाना आमदनी करीब 37 लाख रुपये है.
वेतन और भत्ते लेने से क्यों किया इंकार: चेतन कश्यप की वेतन भत्ते लौटा देने के पीछे ये दलील है कि अगर ईश्वर की उन पर कृपा है. वे जनहित के काम करने में खुद ही समर्थ हैं. तो फिर उन्हें विधायक के रुप में जो पगार और भत्ते या पेंशन मिलती है, उसका इस्तेमाल उन्हें क्यों करना चाहिए. इससे बेहतर है कि इश धनराशि का उपयोग शासन जनता के हित में करे.
जनता के हित में हो उपयोग: कश्यप का कहना है कि वे राष्ट्रसेवा और जनहित का लक्ष्य लेकर ही राजनीति में आए थे. अपनी टीन एज से सामाजिक कार्यों में जुड़े रहे कश्यप अब भी सेवा के कामों में जुटे रहते हैं. उनका कहना है कि अगर ईश्वर ने इस योग्य बना दिया कि मैं जनता के काम आ सकूं तो मैं क्यों नहीं हर तरह से इसी काम में जुट जाऊं. कश्यप ने इसीलिए साफ साफ कहा है कि उनको दिए जाने वाले वेतन भत्तों को निकाला ही ना जाए और उनका इस्तेमाल शासन जनता के हित में करे.
पहले भी दो बार छोड़ चुके हैं वेतन-भत्ते: चेतन कश्यप का इस तरह से वेतन भत्ते ना लेने का ये पहला मौका नहीं है. इसके पहले भी पिछली दो पारियों में उन्होंने वेतन और भत्ते नहीं लिए थे. सालाना 37 लाख की आमदनी वाले चेतन कश्यप के नॉमिनेशन से मिली जानकारी के मुताबिक चल-अचल संपत्ति की कीमत 294 करोड़ है. इस समय वे विधानसभा के सबसे अमीर विधायक हैं. 2018 में तो देश के टॉप टेन विधायकों में पहले नंबर पर उनका नाम था.
जानिए विधायकों को कितना मिलता है वेतन: हर महीने विधायक को एक लाख 10 हजार रुपये के करीब वेतन मिलता है. जिसमें 30 हजार रुपये तो वेतन है. 35 हजार रुपये निर्वाचन भत्ता दिया जाता है. 25 हजार रुपये कम्प्यूटर ऑपरेटर, लेखन सामग्री के लिए मिलते हैं.