भोपाल। एमपी में मंत्रिमंडल पर फंसा पेंच सुलझता दिखाई नहीं दे रहा है. एमपी के सीएम मोहन यादव उज्जैन से इंदौर फिर दिल्ली जाएंगे. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव दिल्ली दौरे में बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में तो शामिल होंगे ही, लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान से एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार पर भी चर्चा होगी.
अब फिर दिल्ली जाएंगे सीएम मोहन यादव: मुख्यमंत्री बनते ही सीएम मोहन यादव के दिल्ली फेरे बढ़ गए हैं. जितनी कवायद एमपी में सीएम पद के चयन को लेकर नहीं हुई उससे ज्यादा मशक्कत मंत्री पद को लेकर हो रही है. जिस तरह से उज्जैन दौरे के बाद इंदौर से दिल्ली रवाना हो रहे हैं मोहन यादव उसके बाद माना जा रहा है कि कैबिनेट को लेकर फंसा पेंच अब भी सुलझा नहीं है.
कहां है सबसे ज्यादा मुश्किल: सबसे ज्यादा मुश्किल मालवा और बुंदेलखंड इलाके में आ रही है जहां मंत्री पद को लेकर एक अनार सौ बीमार के हालात हैं. असल में बुंदेलखंड में भी पुराने दिग्गजों के साथ अब दावेदारों की नई कतार है. कमोबेश यही स्थिति मालवा में भी है. यहां पुराने चेहरे के अलावा जीत का रिकार्ड बना चुके नेता भी इस बार मंत्री पद की बाट जोह रहे हैं. एक एक नाम पर हाईकमान मंथन कर रहा है. सूत्रों की मानें तो कैलाश विजयवर्गीय खुद प्रदेश अध्यक्ष बनना चाह रहे हैं. इनके अलावा सांसदों को भी इसी कैबिनेट में समायोजित किया जाना है. माना जा रहा है कि कोई कसर ना छूटे इसलिए पार्टी लगातार मंथन कर रही है. राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होने के साथ डॉ मोहन यादव के दिल्ली जाने की एक वजह ये भी बताई जा रही है.
कब तक हो सकता है मंत्रिमंडल का गठन: मोहन यादव कैबिनेट का विस्तार सोमवार तक हो सकता है. सूत्रों का दावा है कि आज ही मंत्रिमंडल की सूची फाइनल हो जायेगी. क्योंकि आज से ही सभी सांसद और विधायकों को पीएम नरेंद्र मोदी की संकल्प यात्रा लेकर जनता के बीच भी जाना है. ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट को अधूरा नहीं छोड़ा जा सकता है. इसलिए भाजपा हाईकमान ने तय किया है कि सीएम मोहन यादव की कैबिनेट का विस्तार 24 दिसंबर को कर दिया जाए. बहुत संभावना है कि पहले क्रम में तकरीबन 18 से 20 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है.
आदिवासियों को प्रतिनिधित्व देने पर जोर: आदिवासियों पर बीजेपी का फोकस ज्यादा है. मोदी से लेकर अमित शाह के एमपी दौरों में ज्यादा फोकस आदिवासियों पर रहा, लिहाजा बीजेपी की कोशिश होगी कि आदिवासी कोटे से मंत्री बनाया जाए.इधर सूत्रों से खबर यह भी है कि मोहन यादव की कोशिश ये है कि ज्यादातर मंत्री उनके खेमे के हों साथ ही वे नहीं चाहते कि ज्यादा वरिष्ठ चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए,लेकिन दिल्ली से दबाव बना हुआ है.
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राष्ट्रीय पदाधिकारियों की मीटिंग में एमपी को शाबाशी: बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपना प्रजेंटेशन दिया. उन्होंने यहां बताया कि किस तरह से डबल इंजन की सरकार और जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बूथ प्रबंधन की बदौलत एमपी में बीजेपी को अब तक का सर्वाधिक जनाधार प्राप्त हुआ. हर बूथ पर 51 फीसदी वोट के टारगेट को लेकर क्या नवाचार किए गए इसकी जानकारी भी दी गई. बताया जाता है कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा की बूथ प्रबंधन को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी तारीफ की.