भोपाल। कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने आरोप लगाया कि ''किसान पिछले तीन सालों से जब अपनी प्याज को सड़कों पर फेंक रहे थे तब सरकार को किसान की प्याज की याद नहीं आई. अब इस साल जब किसानों को प्याज की अच्छी कीमत मिल रही है तो सरकार ने निर्यात ड्यूटी लगा दी. इसकी वजह से ₹20 किलो में बिक रही प्याज के दाम घटकर ₹12 किलो पर आ गए हैं. कम क्वालिटी की प्याज अब ₹5 किलो में बिक रहा है. इससे साफ है कि यह सरकार किसान विरोधी है.''
कठपुतली बनी प्रदेश सरकार: विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि ''मध्य प्रदेश सरकार ने भी केंद्र सरकार के फैसले को लेकर कुछ बोलना मुनासिब नहीं समझा. प्रदेश सरकार कठपुतली बनकर केंद्र के इशारे पर कम कर रही है. उन्हें मध्य प्रदेश के किसानों की बिल्कुल भी चिंता नहीं है.'' कांग्रेस विधायक ने केंद्र सरकार से तत्काल निर्यात पर लगाई गई ड्यूटी को वापस लेने की मांग की है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि ''यदि केंद्र सरकार द्वारा जल्द इसे वापस नहीं लिया जाता तो प्रदेश भर में कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन करेगी.''
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किसानों को फायदे में नहीं देख सकती सरकार: कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि सरकार की नियत ही किसान विरोधी है. प्याज की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग के कारण पिछले कुछ दिनों से ब्याज के दामों में उछाल आया था और 6 से 7 रुपए बिकने वाले प्याज की कीमत किसानों को अच्छी मिलने लगी थी. आमतौर पर प्याज के किसानों को इसकी लागत के दाम भी नहीं मिल रहे थे. देखा जाए तो एक बीघा में प्याज के अनुमानित लागत करीब 60000 रुपए है और उत्पादन 50 से 60 क्विंटल इस हिसाब से जब प्याज ₹10 किलो बिकता है. तब जाकर किसानों की लागत निकाल पाती है यदि किसान को प्याज 2 से 3 महीने स्टोर करना पड़ जाए तो प्रति किलो ₹5 लागत और इस पर बढ़ जाती है.