भोपाल। मध्यप्रदेश में भी नाम बदलने की राजनीति को लेकर लगातार चर्चाओं का दौर बना हुआ है. लगभग 1 साल पहले राजधानी में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन किया गया था, लेकिन उसके बाद रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर संचालित हो रहे जीआरपी थाने का नाम जीआरपी हबीबगंज थाने के ही नाम सही जाना जाता था. कल गुरुवार को इस पूरे मामले में सरकार द्वारा राज्य पत्र प्रकाशित कर इस थाने का नाम रानी कमलापति जीआरपी थाना किया गया है. इसको लेकर काफी लंबे समय से बात चल रही थी और ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी कि भोपाल पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय के अंतर्गत आने वाले हबीबगंज थाने का नाम कब बदला जाता है, क्योंकि हबीबगंज रेलवे स्टेशन के नाम के बदलने के बाद राजधानी के अरेरा कॉलोनी स्थित हबीबगंज थाने का नाम अभी भी हबीबगंज थाना ही है.
हबीबगंज जीआरपी थाने का नाम बदला: राजधानी भोपाल की रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के बाद प्रधानमंत्री स्वयं रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से एक बार वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखा चुके हैं, इसके बाद भी लगभग 7 महीने के बाद जीआरपी थाना हबीबगंज का नाम बदलकर रानी कमलापति किया गया है. अब इस पर दूसरे तरह की बातचीत शुरू हो गई है, क्योंकि यह रेलवे स्टेशन जीआरपी के अलावा हबीबगंज थाने के अंतर्गत आता है और इसका प्लेटफार्म नंबर 1 के बाहर का हिस्सा हबीबगंज थाने के अंतर्गत आता है, तो क्या अब भोपाल के हाईटेक रेलवे स्टेशन और जीआरपी थाने के नाम के बदलाव के बाद भोपाल के अरेरा कॉलोनी जैसे पॉश एरिया के थाना हबीबगंज का नाम भी परिवर्तित किया जाएगा?
पुलिस आयुक्त एवं एडीजी अपने विभाग के विभागाध्यक्ष घोषित: इसके अलावा मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी एक अन्य आदेश में कहां गया है कि पुलिस आयुक्त एवं एडीजी (रेल) अपने विभाग के विभागाध्यक्ष घोषित किए गए हैं. इस संबंध में राज्य शासन ने आदेश जारी कर पुलिस आयुक्त एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेल) को विभागाध्यक्ष घोषित किया है, आदेश वित्तीय अधिकारों को दृष्टिगत रखते हुए जारी किया गया है. प्रशासनिक दृष्टि से पुलिस आयुक्त एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेल) पुलिस महानिदेशक के अधीन ही पूर्वानुसार रहेंगे, इस पूरे मामले में एक विज्ञप्ति मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी की गई है. जबकि दूसरा आदेश गृह विभाग द्वारा जारी किया गया है, इसके तहत सभी वित्तीय अधिकार उच्च अधिकारियों के पास रहेंगे, इसको लेकर वह अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र रहेंगे.