भोपाल। मध्यप्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. इसे देखते हुए सीएम शिवराज खजाना लुटाने में जुटे हैं. शिवराज हर हाल में फिर से सत्ता की कुर्सी पाने के जतन में जुट गए हैं. खजाने की परवाह किए बिना मुफ्त रेड़ियां बांटने की तर्मेंज पर सीएम शिवराज एक के बाद एक एलान कर रहे हैं. चुनावी साल में वोटर्स को लुभाने के लिए योजनाओं का एलान किया जा रहा है. अपनी सोशल इंजीनियरिंग के जरिए सीएम शिवराज लगातार 18 साल से सत्ता पर काबिज हैं. शिवराज सिंह ने उन योजनाओं पर फोकस किया है, जो सीधी वोट बैंक से जुड़ी हैं.
अब लाडली बहना योजना की घोषणा : लाडली लक्ष्मी योजना के बाद अब लाडली बहना योजना लेकर आए हैं सीएम शिवराज. शिवराज ने मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत बच्ची पैदा होने पर सरकार 1 लाख रुपए देती है. इस योजना ने शिवराज को मामा के रूप में ख्याति दिलाई और अब एक बार फिर आधी आबादी को रिझाने के लिए लाडली बहना योजना लेकर आए हैं. इस योजना में शिवराज सरकार लड़कियों को ₹1000 महीने देगी. इसमें वे महिलाएं शामिल होंगी, जो अमीर परिवार से नहीं हैं. जिनके नाम पर खेती-बाड़ी नहीं है. और जो इनकम टैक्स नहीं देती हैं. अभी तक पीएम आवास योजना के तहत गरीबों की जमीन पर उन्हें मकान बनाने के लिए पूरा पैसा दिया जाता था लेकिन अब चुनावी साल में सीएम शिवराज ने बड़ा ऐलान कर दिया. जिसका वह उद्घाटन भी कर चुके हैं. शिवराज सरकार गरीबों को मुफ्त प्लाट भी देने जा रही है. मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना के तहत पूरे प्रदेश में मकानों के लिए प्लॉट दिए जाएंगे.
लाडली लक्ष्मी योजना से बनी पहचान : लाडली लक्ष्मी योजना के तहत जब लड़की की आयु 21 वर्ष हो जाती है और वह उम्र के 18 साल से पहले शादी नहीं करती, तब उसे एक लाख रुपये की राशि का भुगतान किया जाता है. इसी प्रकार मुख्यमंत्री कन्यादान एवं निकाह योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों की शादी करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. इसमें घर की चीजें और सामूहिक विवाह खर्च के लिए 15,000 रुपए की सहायता राशि दी जाती थी, लेकिन अब 55 हजार रुपए दिए जाते हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना भी है. इस अनूठी योजना के तहत किसी भी धर्म के वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य सरकार के खर्च पर उनके पसंद के धार्मिक स्थानों पर ले जाना और अब इसी कड़ी में बुजुर्गों को हवाई यात्रा भी कराई जा रही है.
वोट बैंक के लिए ये योजनाएं भी : मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना के तहत राज्य के 18 से 60 वर्ष आयु के खेतिहर मजदूरों के परिवार की स्त्री को प्रसूति व्यय और छह सप्ताह की मजदूरी का भुगतान, पति को पितृत्व अवकाश के साथ दो सप्ताह की मजदूरी का भुगतान, बच्चों को पहली कक्षा से स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति, पांचवीं कक्षा तथा उसके आगे तक प्रथम श्रेणी में पास करने वाले विद्यार्थियों को नगद पुरस्कार दिया जाता है. इसके अलावा अन्नपूर्णा योजना मध्यप्रदेश में अप्रैल 2008 से लागू है. जून, 2013 से योजना में बीपीएल के साथ अंत्योदय परिवार (अति गरीब परिवार) को भी शामिल किया गया. अब योजना में गेहूं एक रुपये और चावल दो रुपये किलो दिया जाता है. फिलहाल मुफ्त में राशन दिया जा रहा है. दीनदयाल रसोई गरीब लोगों को सस्ते में पौष्टिक भोजन देने के लिए सरकार ने दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना शुरू की. इसमें जरूरतमंद लोग सिर्फ 10 रुपए में भरपेट खाना खा पाएंगे. इसके अलावा फ्री में लैपटॉप योजना भी है. 12वीं की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को मध्य प्रदेश सरकार 25,000 रुपए देती है. जिससे बच्चे लैपटॉप ले सकें.
वोट बैंक के लिए खजाने की परवाह नहीं : बीजेपी मुफ्त रेवड़ी कल्चर को लेकर भले विरोध जताती हो लेकिन इसमें शिवराज सरकार पीछे नहीं है. सरकार एमपी के 20 लाख कर्मचारियों को नये साल का तोहफा देने जा रही है. प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री आयुष्मान स्वास्थ बीमा योजना लाई जा रही है. योजना के लागू होने के बाद प्रदेश के 20 लाख कर्मचारियों को कैशलैश इलाज की सुविधा मिल सकेगी. गांव के वोट बैंक को लुभाने शिवराज ने पंचायत जनप्रतिनिधियों के लिए खोला खजाना पंचायत सरपंचों के वेतन को तीन गुना बढ़ाया. अब सरपंच को 4200 रुपए महीने, जिला पंचायत अध्यक्ष का वेतन भत्ता 54 हजार से बढ़कर 1 लाख रुपये कर दिया गया है.
MP Government Loan कर्ज में डूबी सरकार एक हजार करोड़ का और लोन लेगी, खुले बाजार से मांगी निविदाएं
19 साल में 16 गुना बढ़ गया कर्ज : बता दें कि शिवराज सरकार का कर्ज दिग्विजय सिंह सरकार के वक्त से 16 गुना ज्यादा है. दिग्विजय सिंह के 10 साल के शासन के आखिरी साल में प्रदेश पर 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था. शिवराज सरकार में यह कर्ज बढ़कर 3 लाख 34 हज़ार करोड़ गया. पिछले 5 साल में मध्यप्रदेश नें 72 हजार करोड़ का कर्ज चुकाया. 2022- 23 का बजट 2 लाख 79 हज़ार 237 करोड़ है. अब कर्ज 3 लाख 32 हज़ार करोड़ हो गया है. इस मामले में कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया. उनका कहना है कि शिवराज सरकार खजाने की परवाह किए बगैर लगातार घोषणा पर घोषणा किए जा रही है. सरकार का खजाना खाली है लेकिन वोट बैंक के लिए शिवराज खजाने की परवाह किए बगैर पैसा लुटा रहे हैं. वहीं बीजेपी का कहना है कि हम जो कहते हैं वो करते हैं. बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो कहते हैं वह करते हैं.