भोपाल (IANS)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चलित केंद्रों के जरिए गरीब वर्ग के लोगों को पांच रुपये में भरपेट खाना मिलेगा. अब तक राजधानी में स्थाई केंद्र से ही भोजन सुविधा उपलब्ध थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को स्मार्ट पार्क से 10 चलित दीनदयाल रसोई केंद्र को झंडी दिखाकर रवाना किया. चलित केंद्र भोपाल शहर के उन स्थानों पर जाकर श्रमिकों और अन्य जरूरतमंद लोगों को पांच रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध करवाएंगे, जहां ऐसे लोग कार्य करते हैं. प्रदेश के अन्य नगरों में भी चलित केंद्र संचालित किए जायेंगे.
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प्रदेश में कोई भी गरीब भूखे पेट न सोेए, इसके लिए हम संकल्पित हैं।
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दीनदयाल रसोई योजना के अंतर्गत आज हमने चलित रसोई केंद्रों का शुभारंभ किया है। अब किसी भी गरीब भाई-बहन को भोजन के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा; आप जहां होंगे खाना वहीं पहुंचेगा और गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए आपको सिर्फ… pic.twitter.com/6cgEG7tBZ1
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— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 7, 2023
दीनदयाल रसोई योजना के अंतर्गत आज हमने चलित रसोई केंद्रों का शुभारंभ किया है। अब किसी भी गरीब भाई-बहन को भोजन के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा; आप जहां होंगे खाना वहीं पहुंचेगा और गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए आपको सिर्फ… pic.twitter.com/6cgEG7tBZ1प्रदेश में कोई भी गरीब भूखे पेट न सोेए, इसके लिए हम संकल्पित हैं।
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दीनदयाल रसोई योजना के अंतर्गत आज हमने चलित रसोई केंद्रों का शुभारंभ किया है। अब किसी भी गरीब भाई-बहन को भोजन के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा; आप जहां होंगे खाना वहीं पहुंचेगा और गुणवत्तापूर्ण भोजन के लिए आपको सिर्फ… pic.twitter.com/6cgEG7tBZ1
योजना प्रारंभ करने के दो प्रमुख उद्देश्य : मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस योजना के प्रारंभ करने के दो प्रमुख उद्देश्य हैं. एक यह कि रियायती दर पर गरीब व्यक्ति को भोजन मिल सके, दूसरा प्रवासी श्रमिक और अन्य जरूरतमंद नागरिकों को कार्य स्थल के नजदीक भरपेट भोजन की सुविधा मिल सके. इस व्यवस्था से ऐसे मजदूर जो गांव से शहर आकर जीविका चलाते हैं, उन्हें अधिक राशि और समय खर्च किए बिना उनके काम करने की जगह पर ताजा भोजन उपलब्ध हो जाएगा.
योजना में प्रति व्यक्ति 10 रूपए के मान से अनुदान देती है सरकार: पूर्व में संचालित केन्द्र एक स्थान पर ही होते थे. चलित रसोई केंद्र सिर्फ पांच रूपए की कीमत में भोजन उपलब्ध करवाएंगे. मजदूरों द्वारा अन्य स्थानों पर भोजन के लिए जाने पर उनकी मजदूरी का पैसा भोजन में ही खर्च हो जाता था. खून-पसीने की कमाई को श्रमिक बंधु सिर्फ भोजन के लिए खर्च कर देते थे. मध्य प्रदेश सरकार ने योजना में प्रति व्यक्ति 10 रूपए के मान से अनुदान देने की व्यवस्था की है. प्रदेश में सात फरवरी 2017 में यह योजना जिला मुख्यालयों और छह प्रमुख धार्मिक स्थानों को मिलाकर 56 स्थानों पर संचालन के साथ प्रारंभ की गई थी.
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वर्तमान में 166 स्थानों पर योजना का संचालन किया जा रहा है. योजना के अंतर्गत प्रदेश में सवा दो सौ लाख भोजन थालियों का वितरण किया जा चुका है. प्रदेश में 25 चलित रसोई केंद्र प्रारंभ हुए हैं. इन केन्द्रों में पांच रूपए थाली की दर से सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक भोजन का वितरण किया जाता है.