भोपाल। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे कमलनाथ ने पंचायत स्तर पर तैयारियां शुरू कराई हैं. विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए कमलनाथ अब दिग्विजय सिंह की राह पर चल रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने जिला और जनपद पंचायतों के मजबूत नेताओं को चुनाव मैदान में उताकर 1998 में दोबारा सत्ता में वापसी की थी. देखा जाए तो प्रदेश में अभी दस जिला पंचायत और 65 जनपद पंचायतों में अध्यक्ष कांग्रेस समर्थित नेता हैं. कांग्रेस का दावा है कि कुल 286 सदस्य कांग्रेस समर्थित हैं.
कम मार्जिन से हारे उम्मीदवारों पर नजर : कांग्रेस की रणनीति है कि जिला और जनपद पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ ही कम अंतर से चुनाव हारे प्रत्याशियों पर फोकस किया जाए. कांग्रेस रणनीति बना रही है कि जहां जिला और जनपद स्तर के पदाधिकारी मजबूत स्थिति में हैं, उस विधानसभा से उन्हें आगामी विधानसभा में मैदान में उतारा जा सकता है. कांग्रेस नेताओं का मानना है कि ऐसे नेताओं का स्थानीय स्तर पर सामाजिक और राजनीतिक समीकरण साधने में ज्यादा मदद मिल सकती है. इसको देखते हुए पीसीसी चीफ जल्द ही पंचायत प्रतिनिधियों का जल्द ही सम्मेलन भी बुलाने जा रहे हैं. इन प्रतिनिधियों का आगामी चुनाव को देखते हुए प्रशिक्षण भी कराया जाएगा.
सरकारी योजनाओं के भरोसे बीजेपी : उधर, बीजेपी निकायों के जनप्रतिनिधियों की ट्रेनिंग कराने की तैयारी कर रही है. बीजेपी सरकारी योजनाओं का ग्रामीण इलाकों तक ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाकर चुनाव में जमीन मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है. इसको देखते हुए सरकार जल्द ही सरपंचों से लेकर नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों की ट्रेनिंग कराने जा रही है. इसमें सरपंच सरकारी योजनाओं का कैसे लाभ दिला सकते हैं और उपलब्ध फंड को कैसे उपयोग किया जा सकता है, इसकी बारे में उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. (MP Mission 2023) (Congress focus elected representatives) (BJP conduct training) ( MP Assembly election 2023)