भोपाल। जनता को भय मुक्त माहौल का हवाला देने वाली सियासी पार्टियों को आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग पसंद हैं. राजनीतिक दलों ने आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों को मौका दिया है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म संस्था ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि आपराधिक मामले घोषित करने वाले विधायक जिनके ऊपर आर.पी.ए (Representation of the People Act), 1951 की धारा 8 (1) (2) और (3) के तहत आरोप तय किए गए हैं. 230 प्रत्याशियों में 29 प्रत्याशियों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनके ऊपर आर.पी अधिनियम, 1951 की धारा 8 (1) (2) और (3) के तहत आरोप तय किए गए हैं.
कांग्रेस ने 16 तो बीजेपी ने दिए 12 टिकट: इनको टिकट देने के मामले में कांग्रेस आगे है. कांग्रेस में 16 विधायकों को टिकट दिया गया है, तो वहीं बीजेपी ने 12 और बसपा ने 1 विधायक को टिकट दिया है. इन प्रत्याशियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. विधायक दलवार जिनके ऊपर आर.पी.ए अधिनियम, 1951 की धारा 8 (1) (2) और (3) के तहत आने वाले अपराधों के लिए न्यायालय द्वारा आरोप तय किए गए हैं. विधायकों के लंबित आपराधिक मामलों का विश्लेषण, जिन्होंने आपराधिक मामले घोषित किए हैं. जिनके ऊपर आर.पी.ए अधिनियम, 1951 की धारा 8 (1) (2) और (3) के तहत आरोप तय किए गए हैं.
शपथपत्र से मालूम होगी सही स्थिति: प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 और बाद में हुए उपचुनावों के समय विधायकों द्वारा जमा किये गए शपथ पत्रों से उपलब्ध जानकारी के आधार पर आर.पी.ए अधिनियम की धारा 8 (1) (2) और (3) के तहत लंबित आपराधिक मामले जिन में आरोप तय हुए थे. इन मामलों में पिछले गुजरे वर्षों में कुछ बदलाव हो सकता है. इन मामलों की मौजूदा स्थिति केवल चुनाव लड़ने वाले विधायकों द्वारा आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए शपथपत्र जमा करने पर ही सही स्थिति मालूम होगी.
29 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित रहने की औसत संख्या 6 वर्ष है. 10 विधायकों के खिलाफ दस साल या उससे अधिक समय से कुल 12 आपराधिक मामले लंबित हैं.
एडीआर रिपोर्ट में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी : एडीआर (Association Democratic for Reform) रिपोर्ट में 29 प्रत्याशियों के नाम बताए गए हैं, लेकिन इस लिस्ट में उन प्रत्याशियों को शामिल किया गया है. जिन्हें बीजेपी या कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया है. हालांकि एडीआर की रिपोर्ट में आपराधिक पृष्ठभूमि के विधायकों को शामिल किया गया है. आश्चर्य करने वाली बात है कि जिन प्रत्याशियों को टिकट मिला है. इन पर गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, लेकिन मामले 6 साल से भी ज्यादा लंबित है.
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बीजेपी बोली आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को दिए टिकट: वहीं एडीआर की रिपोर्ट में हवाला दिया गया है, कि इनमें से कई विधायकों पर गंभीर आपराधिक प्रकरण हैं. इन पर जो मामले चल रहे हैं. उनमें यदि इन नेताओं को सजा हो जाती है, तो ऐसे विधायक आयोग्य हो सकते हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि "कांग्रेस ने दुर्दांत लोगों को टिकट दिया है, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि आपकी पार्टी ने भी आपराधिक पृष्ठभूमि वालों को टिकट दिया है, तो उन्होंने कहा कि हमारे यहां जो टिकट बांटे है, वे गंभीर अपराधी नहीं हैं." वहीं कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि "पार्टी ने सोच समझकर टिकट दिए हैं और जिन विधायकों पर मामले दर्ज है, वे राजनीति से प्रेरित हैं.