भोपाल। इकबाल सिंह बैस को दूसरी बार मुख्य सचिव के पद पर एक्सटेंशन दिए जाने के मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त से शिकायत की है. इस बारे में नेता प्रतिपक्ष ने चुनाव आयोग को शिकायती पत्र भेजा है. इसमें उन्होंने इकबाल सिंह बैस की नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताते हुए सेवावृद्धि को निरस्त करने की मांग की है. गोविंद सिंह ने आरोप गया कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जिताने के लिए ये कदम उठाया गया है.
एक्सटेंशन नियम के खिलाफ : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की 2022 में सेवानिवृत्ति के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई काबिल अधिकारियों को दरकिनार कर उन्हें छह माह की सेवावृद्धि दिलाई थी. इस बार फिर 6 माह के लिए उनकी सेवावृद्धि को बढ़ाया गया है, जबकि नियम है कि किसी भी अधिकारी की सेवानिवृत्ति के बाद सेवावृद्धि विशेष परिस्थितियों में ही किया जाना चाहिए. सेवावृद्धि छह-छह माह के लिए दो बार कराने का कोई विधि सम्मत आधार नहीं है.
चुनाव प्रभावित कराने के लिए सेवावृद्धि : नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि कर्नाटक राज्य में चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आने के बाद मध्यप्रदेश में बीजेपी डरी हुई है. इसलिए आगामी विधानसभा का चुनाव प्रभावित करने के लिए मुख्य सचिव की छह माह की लिए सेवावृद्धि कराई गई है. प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर ही जिला निर्वाचन अधिकारी होते हैं, उनकी सीआर लिखने का अधिकार भी इनके पास रहने से यह उन्हें प्रभावित कर सकेंगे और बीजेपी के पक्ष में काम करने के लिए बाध्य किया जा सकेगा. भारत निर्वाचन आयोग के आदेश है कि कोई भी अधिकारी तीन साल से ज्यादा अवधि तक एक पद पर नहीं रह सकता, जबकि वर्तमान मुख्य सचिव को तीन साल से ज्यादा हो गए हैं. नेता प्रतिपक्ष ने भारत निर्वाचन आयोग को प्रतिवेदन भेजकर मांग की है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की सेवावृद्धि को निरस्त किया जाए.