भोपाल। मध्य प्रदेश के 1 दिन के दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने मिलने का वक्त मांगा है. कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी को इस संबंध में पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने लिखा है कि "उज्जैन में स्थित महाकाल लोक से संबंधित व्यक्तिगत रूप से भेंट कर तथ्यात्मक जानकारी देना चाहता हूं." बता दें कि 28 मई को तेज आंधी-तूफान आने की वजह से महाकाल लोक परिसर में लगी सप्त ऋषियों की प्रतिमाओं में से 6 विशाल प्रतिमाएं टूट कर गिर गई थीं. इसी मामले पर गोविंद सिंह घटना का निरीक्षण करने शनिवार को महाकाल लोक गए थे.
गोविंद सिंह ने पीएम मोदी को लिखा पत्र: नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि "आपके संज्ञान में होगा कि मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर परिसर में महाकाल लोक में स्थापित सप्त ऋषियों की मूर्तियां मामूली हवा के झोके से टूट गई और मुख्य द्वार का एक हिस्सा गिर गया. जाहिर है कि महाकाल लोक का निर्माण लगभग 800 करोड़ की लागत से हुआ है. बताया जा रहा है कि इसमें बड़े पैमाने पर करप्शन हुआ है. यह बेहद निंदनीय और शर्मनाक है. उक्त महाकाल लोक परिसर का उद्घाटन आपके द्वारा किया गया है, इसलिए इस घोटाले के संबंध में आपसे व्यक्तिगत रूप से भेंट कर कुछ तथ्यात्मक जानकारी देना चाहता हूं. साथ ही उज्जैन में सिंहस्थ के लिए आरक्षित भूमि में जिसमें प्रदेश के एक मंत्री की भूमि भी आती है उसको मास्टर प्लान में शामिल कर आवासीय एवं व्यवसायिक कर दी गई है. जबकि इस भूमि पर सिंहस्थ के समय साधु संतों के अखाड़े लगते हैं और वाहन पार्किंग के लिए उपयोग किया जाता रहा है."
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बीजेपी पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप: गौरतलब है कि उज्जैन महाकाल लोक को लेकर कांग्रेस, बीजेपी पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है. कांग्रेस मामले की हाईकोर्ट के मौजूदा जज से जांच कराने की मांग कर रही है. उधर, उज्जैन के सिंहस्थ के लिए रिजर्व 872 एकड़ जमीन में से 185 एकड़ भूमि का लैंडयूज बदलकर कमर्शियल और अवासीय किए जाने को लेकर भी कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है. इसमें से 29 एकड़ जमीन उच्च शिक्षा मंत्री और उज्जैन से बीजेपी विधायक डॉ. मोहन यादव, उनकी फर्म और पत्नी के नाम है. इस मुद्दे को लेकर बीजेपी के स्थानीय विधायक भी सवाल खड़े कर रहे हैं.