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लाड़ली बहना योजना से बीजेपी का किनारा, प्रहलाद के बाद कैलाश नहीं मानते जीत की वजह

BJP Side Line From Ladli Behna: एमपी में सीएम फेस को लेकर दिल्ली में मंथन जारी है. वहीं जहां शिवराज से लेकर सिंधिया लाड़ली बहनों को जीत क्रेडिट दे रहे हैं, तो बीजेपी के बाकि नेता इस बात से किनारा करते नजर आ रहे हैं. कैलाश विजयवर्गीय के बाद प्रहलाद पटेल भी ऐसा ही इशारा कर रहे हैं.

BJP Side line from Ladli Behna Yojana
लाड़ली बहना से बीजेपी का किनारा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 6, 2023, 7:38 PM IST

Updated : Dec 6, 2023, 7:44 PM IST

भोपाल। एमपी के राजनीतिक इतिहास में पहली बार कोई सरकारी योजना किसी पार्टी में सत्ता की सियासत का सबसे बड़ा सवाल बन गई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी की बंपर जीत के बाद कहा था कि कोई कांटे की टक्कर नहीं बहनों ने सारे कांटे निकाल दिये, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय से लेकर अब प्रहलाद पटेल तक बीजेपी के ही सीएम पद के अभी तक दावेदार इसे पूरी तरह नकार रहे हैं. कैलाश विजयवर्गीय पहले ही कह चुके है कि एमपी में अगर लाड़ली बहना की जीत है, तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी क्यों बंपर वोटों से जीती. ये मोदी मैजिक है. अब प्रहलाद पटेल ने कहा है कि बीजेपी किसी स्कीम के आधार पर नहीं चलती.

अब प्रहलाद बोले बीजेपी किसी एक स्कीम पर नहीं चलती: कैलाश विजयवर्गीय पहले ही नकार चुके हैं कि बीजेपी की बंपर जीत को लाड़ली बहना का असर ना कहा जाए. अब प्रहलाद पटेल ने तो ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि बीजेपी किसी एक स्कीम पर नही चलती, क्योंकि ये स्कीम राजस्थान में नहीं थी छत्तीसगढ] में नहीं थी. उन्होंने कहा कि कई सारे फैक्टर्स काम करते हैं, जीत के लिए ये उनमें से एक हो सकता है. प्रहलाद पटेल सीएम पद के दावेदारों में सबसे मजबूत विकल्प के तौर पर देखे जा रहे हैं. वे लोकसभा से इस्तीफा दे चुके हैं.

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जेपी नड्डा से मिले प्रहलाद पटेल

पिछड़ा वर्ग का होने की वजह से भी उनके नाम को लेकर सियासी अटकलें चलती रही हैं. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं कि बीजेपी को जो बंपर जीत मिली है. उसने बता दिया है कि मोदी मैजिक के आगे कांग्रेस नहीं टिक पाई...लिहाजा बहुत दबाव भी बीजेपी राष्ट्रीय नेतृत्व पर नहीं है. दूसरी बात लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फैसला लिया जाना है. लिहाजा पार्टी बहुत विमर्श कर रही है.

लाड़ली बहना दांव....भैय्या जीत गए हम: उधर शिवराज भले स्पष्ट तौर पर कह चुके हों कि वो सीएम पद की रेस में नहीं हैं, लेकिन एक्शन लाउडर देन वाइज के अंदाज में वो बता रहे हैं कि एमपी में शिवराज के टक्कर में कोई नहीं है. छिंदवाड़ा जो कांग्रेस और कमलनाथ का गढ़ कहा जाता है. वहां बहनों के सैलाब के बीच शिवराज की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. जो ये बता रही हैं कि शिवराज की लोकप्रियता तक पहुंच पाना एमपी में अभी बीजेपी के किसी नेता के लिए पहुंचना आसान नहीं.

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एमपी की लाड़ली बहना

यहां पढ़ें...

शिवराज का लाड़ली बहनों के बीच पहुंचना फिर छिंदवाड़ा दौरा. शिवराज कह नहीं रहे लेकिन ये खुलकर बता रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के सामने खड़े इम्तेहान के मद्देनजर शिवराज से बेहतर विकल्प और कोई नहीं. पवन देवलिया कहते हैं, इसमे दो राय नहीं कि पीएम मोदी की कप्तानी में हुए एमपी के इल्केशन में मैन ऑफ द मैच शिवराज ही माने जाएंगे.

भोपाल। एमपी के राजनीतिक इतिहास में पहली बार कोई सरकारी योजना किसी पार्टी में सत्ता की सियासत का सबसे बड़ा सवाल बन गई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी की बंपर जीत के बाद कहा था कि कोई कांटे की टक्कर नहीं बहनों ने सारे कांटे निकाल दिये, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय से लेकर अब प्रहलाद पटेल तक बीजेपी के ही सीएम पद के अभी तक दावेदार इसे पूरी तरह नकार रहे हैं. कैलाश विजयवर्गीय पहले ही कह चुके है कि एमपी में अगर लाड़ली बहना की जीत है, तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी क्यों बंपर वोटों से जीती. ये मोदी मैजिक है. अब प्रहलाद पटेल ने कहा है कि बीजेपी किसी स्कीम के आधार पर नहीं चलती.

अब प्रहलाद बोले बीजेपी किसी एक स्कीम पर नहीं चलती: कैलाश विजयवर्गीय पहले ही नकार चुके हैं कि बीजेपी की बंपर जीत को लाड़ली बहना का असर ना कहा जाए. अब प्रहलाद पटेल ने तो ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि बीजेपी किसी एक स्कीम पर नही चलती, क्योंकि ये स्कीम राजस्थान में नहीं थी छत्तीसगढ] में नहीं थी. उन्होंने कहा कि कई सारे फैक्टर्स काम करते हैं, जीत के लिए ये उनमें से एक हो सकता है. प्रहलाद पटेल सीएम पद के दावेदारों में सबसे मजबूत विकल्प के तौर पर देखे जा रहे हैं. वे लोकसभा से इस्तीफा दे चुके हैं.

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जेपी नड्डा से मिले प्रहलाद पटेल

पिछड़ा वर्ग का होने की वजह से भी उनके नाम को लेकर सियासी अटकलें चलती रही हैं. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं कि बीजेपी को जो बंपर जीत मिली है. उसने बता दिया है कि मोदी मैजिक के आगे कांग्रेस नहीं टिक पाई...लिहाजा बहुत दबाव भी बीजेपी राष्ट्रीय नेतृत्व पर नहीं है. दूसरी बात लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फैसला लिया जाना है. लिहाजा पार्टी बहुत विमर्श कर रही है.

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एमपी की लाड़ली बहना

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शिवराज का लाड़ली बहनों के बीच पहुंचना फिर छिंदवाड़ा दौरा. शिवराज कह नहीं रहे लेकिन ये खुलकर बता रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के सामने खड़े इम्तेहान के मद्देनजर शिवराज से बेहतर विकल्प और कोई नहीं. पवन देवलिया कहते हैं, इसमे दो राय नहीं कि पीएम मोदी की कप्तानी में हुए एमपी के इल्केशन में मैन ऑफ द मैच शिवराज ही माने जाएंगे.

Last Updated : Dec 6, 2023, 7:44 PM IST
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