भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. इधर कांग्रेस अपने मोर्चा और प्रकोष्ठ को सक्रिय करने में जुट गई है. इसी कड़ी में सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस के पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की बैठक आयोजित की गई.
कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि किसानों की खुशहाली से ही बाजारों में रोशनी है. यह रोशनी बनी रहे इसके लिए हमने 27 लाख किसानों का कर्जा माफ किया था. किसानों की ऋण माफी का काम लगातार जारी था, लेकिन सौदाकर बोली लगाकर कांग्रेस की किसान हितेषी सरकार को गिरा दिया गया.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की 70 फीसदी आबादी कृषि आधारित है. इसलिए जरूरी है कि कृषि क्षेत्र खुशहाल हो, हमारे सामने यह सबसे बड़ी चुनौती थी. मेरा सपना था कि कृषि क्षेत्र से पढ़ा लिखा नौजवान जुड़े. हमने प्रयास किया कि किसानों की उपज दलालों के हाथों में ना जाए, उन्हें बेहतर दाम मिले। इसके लिए मैंने मुख्यमंत्री के तौर पर सभी जिला कलेक्टरों से व्यक्तिगत बातचीत कर उन्हें निर्देश दिए थे.
बीजेपी पर हमला बोलते हुए कमलनाथ ने कहा कि, हमारे हाथों में भाजपा ने जो प्रदेश सौंपा था, उसमें किसानों की आत्महत्या में मध्य प्रदेश नंबर वन था, बेरोजगारी में नंबर वन था, महिलाओं पर अत्याचार में नंबर वन था. प्रदेश की पहचान को बदलने के लिए हमने शुरुआत की. हर क्षेत्र में चाहे मिलावट खोरी हो माफिया हो या नकली खाद बेचने वाले हो,इन सब के खिलाफ हमारी सरकार ने अभियान चलाया था.
कमलनाथ ने उपचुनाव को लेकर कहा कि ये उपचुनाव मध्यप्रदेश के भविष्य का चुनाव है. किसानों का गरीबों का और इस प्रदेश की जनता का भविष्य इस उपचुनावों से जुड़ा हुआ है. बैठक में कमलनाथ ने कहा कि किसान कांग्रेस के सभी लोग अपने उत्साह जोश और निष्ठा से इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों को विजय दिलाने में जुट जाएं, और प्रदेश के किसान भाइयों से आह्वान करें कि उपचुनाव में प्रदेश से इस किसान विरोधी भाजपा सरकार को परास्त करें.