भोपाल। नीति आयोग ने बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index 2021) रिपोर्ट जारी कर दी है. इस रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश चौथे स्थान पर है. इसमें पहले नंबर पर बिहार (52%), दूसरे पर झारखंड (42%) और तीसरे नंबर उत्तर प्रदेश (38%) देश के सबसे गरीब राज्यों के रूप में उभरकर सामने आए हैं. सूचकांक के अनुसार एमपी (mp in list of mpi) में 37% आबादी गरीब है. मतलब प्रदेश के 2.5 करोड़ लोग गरीबी में जीवन जी रहे हैं.
गरीबी में अलीराजपुर पहले नंबर पर
अलीराजपुर में सबसे अधिक 71% की आबादी गरीब है, इसके बाद पड़ोसी झाबुआ में 69% आबादी गरीब है. बड़वानी में 62% लोग गरीब हैं. ये इलाके कुपोषण के भी शिकार हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत का सबसे कम साक्षर जिला अलीराजपुर है. यह समग्र विकास के वादे के साथ 17 मई 2008 को झाबुआ से अलग कर बनाया गया था. गठन के 13 साल बाद भी यह मध्य प्रदेश का सबसे गरीब जिला है.
रिपोर्ट का आधार ये 3 मानक
एमपीआई के तीन मानक स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर रखे गए हैं. इनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने के 12 संकेतकों द्वारा दर्शाए जाते हैं. पानी, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते भी इसमें शामिल हैं. रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के सभी जिलों में 40% से अधिक आबादी गरीबी की मार झेल रही है.
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केरल में है सबसे कम गरीबी
रिपोर्ट के अनुसार, देश में सबसे कम गरीबी केरल (0.71%) में है. इसी तरह, गोवा व सिक्किम (4%), तमिलनाडु (5%) और पंजाब (6%) पूरे देश में सबसे कम गरीब लोग वाले राज्य हैं. ये सूचकांक में सबसे नीचे हैं.
(Niti Aayog Report 2021)