भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग लगातार विभिन्न घटनाओं पर नजर बनाए रखे हुए है. गंभीर अपराधों और गंभीर अनियमितता को लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग लगातार जिम्मेदारों से सवाल कर रहा है और निश्चित समय सीमा के अंतर्गत उनके निराकरण और तथ्यात्मक जवाब भीख मांग रहा है. इसके साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर रहा है कि घटना पर अधिकारियों ने क्या कार्रवाई की है यह सवाल भी मानव अधिकार आयोग लगातार पूछ रहा है.
सागर के सरकारी स्कूल पर दबंग का कब्जा: सागर जिले के बढ़ौरा गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल के क्लास रूम पर गांव के ही एक दबंग व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है. दबंग ने क्लास रूम में कब्जा कर गेहूं, चावल की बोरियां भर दी हैं. यहां तीन साल से कंट्रोल की दुकान चल रही है. उचित मूल्य दुकान चलाने वाले सेवा सहकारी समिति के सेल्समैन इंद्राजसिंह यादव ने यहां ताला लगा रखा है. वह कहता है कि गांव के पूर्व सरपंच रामसिंह यादव ने उसे ये जगह दी थी जबकि पूर्व सरपंच का कहना है कि मैंने कोई अनुमति नहीं दी थी, बल्कि इंद्राजसिंह को कंट्रोल की दुकान हटाने को कहा था. सेल्समैन अपनी दुकान हटाने को तैयार ही नहीं है. मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में त्वरित संज्ञान लेकर कलेक्टर, सागर से प्रकरण की जांच कराकर समुचित कार्रवाई कर अगले तीन दिन में आयोग को प्रतिवेदन देने को कहा है. कलेक्टर सागर को आज ही सूचना पत्र फैक्स एवं मेल से भेज दिया गया है.
नाबालिग से रेप: विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्र से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. जहां एक नेत्रहीन व्यक्ति की नाबालिग बेटी के साथ उसके पड़ोस में रहने वाले एक शादीशुदा ने धमकी देकर कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया. मामले का खुलासा तब हुआ, जब नाबालिग की तबीयत खराब होने पर उसे जांच के लिए अस्पताल लाया गया. डाॅक्टरों ने उसका परीक्षण किया, तो उन्हें एहसास हुआ कि नाबालिग तो गर्भवती है. डाॅक्टरों ने सोनोग्राफी की तो उसमें साफ हुआ कि नाबालिग को पांच महीने से ऊपर का गर्भ है. मामले की जानकारी पुलिस तक पहुंची. चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्ची की काउंसलिंग की, जिसमें पीड़िता ने बताया कि उसका पड़ोसी एक युवक धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म करता था. वह दुष्कर्म उस वक्त करता था, जब पीड़िता के नेत्रहीन पिता घर पर नहीं होते थे. पीड़िता ने यह भी बताया कि आरोपी उसके पिता को जान से मारने की धमकी देकर गलत काम करता था. मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर एसपी, विदिशा से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है. साथ ही यह भी कहा है कि नाबालिग बालिका के परिजन यदि अबाॅर्शन कराना चाहते है, तो विधि अनुसार शीघ्र कार्रवाई करें.
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रायसेन के बखरिया में छह महीने से स्कूल नहीं आए शिक्षक: रायसेन जिले के मंडीदीप शहर के दाहोद संकुल केंन्द्र दाहोद के शासकीय प्राथमिक शाला, बखरिया है. जिसमें प्राथमिक शिक्षक जगदीशप्रसाद राय बीते छह माह से स्कूल ही नहीं पहुंचे. ग्रामीण बताते हैं कि वे सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी को ही दिखाई देते हैं. 6 अप्रैल को जब स्कूल बंद मिला और बच्चे स्कूल के बाहर खड़े हुए थे, तो ग्रामीणों ने पंचनामा बनाकर इसकी शिकायत की. साथ ही 13 अप्रैल को सीएम हेल्पलाइन पर उपरोक्त शिक्षक की शिकायत भी की. सीएम हेल्पलाइन की शिकायत में जांच की जिम्मेदारी बीाआरसीसी को सौंपी गई है. सरपंच ने बताया कि स्कूल में 40 बच्चे और 2 शिक्षक पदस्थ हैं. एक शिक्षक तो अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं. लेकिन दूसरे शिक्षक जगदीश प्रसाद अपने राजनीतिक रसूख के कारण पिछले छह माह से स्कूल ही नहीं आये। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर एवं डीईओ, रायसेन से प्रकरण की जांच कराकर उपरोक्त शाला में बाधित शिक्षण व्यवस्था के संबंध में की गई कार्रवाई का तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
विदिशा में छह माह से जले पड़े हैं ट्रांसफार्मर: अंधेरे में डूबा गांवविदिशा जिले की त्योंदा तहसील के ग्राम घटेरा में चार ट्रांसफार्मर पूरी तरह जले पड़े हैं. इस वजह से पांच हजार की आबादी वाला पूरा घटेरा गांव अंधेरे में डूबा हुआ है. गांव की आटा चक्की तक बंद है. ग्रामीणों ने तय किया है कि यदि अगले तीन दिनों में ट्रांसफार्मर नहीं बदले गये, तो विशाल धरना प्रदर्शन किया जायेगा. मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कार्यपालन यंत्री, मध्यक्षेत्र विवि कंपनी लिमिटेड, विदिशा से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
जंगली सुअर का हमला: उमरिया जिले में जंगली सुअर के हमले से एक महिला और एक बुजुर्ग के घायल हो गए. दोनों ही मामलों में घायलों के परिजनों का कहना है कि, उन्हें वन विभाग द्वारा अभी तक कोई सहायता राशि नहीं दी गई है. पहला मामला उमरिया थानाक्षेत्र अंतर्गत ग्राम धनवाही का है. जहां बीते गुरुवार को महुआ बीनने जंगल में गई रामसखी बाई पति प्रेमलाल, निवासी धनवाही पर जंगली सुअर ने पीछे से हमला कर दिया. जंगली सुअर रामसखी की दोनों जांघों और कमर का मांस निकाल कर खा गया और पंजे और दांत से गंभीर चोट पहुंचाकर घायल कर दिया. घायल महिला को बाद में ग्रामीण बेहोशी की हालत में खाट पर लादकर रोड धनवाही के पास लेकर पहुंचे. यहां से 108 एम्बुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल, उमरिया पहुंचाया गया. दूसरा मामला नौरोजाबाद थानांतर्गत करकेली के सेहराटोला का है. जहां दशरथ आदिवासी खेत में काम कर रहा था. इसी दौरान जंगली सुअर ने पीछे से आकर हमला कर दिया. स्थानीय लोगों की मदद से घायल बुजुर्ग को जिला अस्पताल, उमरिया में भर्ती कराया गया है. मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर एवं डीएफओ उमरिया से प्रकरण की जांच कराकर पीड़ितों के ईलाज, देय मुआवजा राशि के भुगतान तथा क्षेत्र के निवासियों की वन्यप्राणियों से सुरक्षा की उचित प्रभावी व्यवस्था का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है.
धार में सिकलसेल की जांच: 20 बच्चे मिले संदिग्धधार जिले में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा बच्चों व किशोरों के स्वास्थ्य और पोषण की जरूरतों पर विशेष ध्यान देने के लिए एनीमियामुक्त भारत कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसी के चलते पूर्व में बच्चों को आयरन की गोलियां वितरित की गई थी. इन दिनो सिकलसेल बीमारी से निपटने के लिए बच्चों के रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा का परीक्षण एवं सिकलसेल की जांच स्वास्थ्य अमले द्वारा की जा रहा है. अभी तक 450 बच्चों का परीक्षण किया जा चुका है. इनमें कुछ बच्चों में सात से दस ग्राम तक हीमोग्लोबिन की मात्रा पाई गई है. वहीं सिकलसेल की जांच में 20 बच्चे संदिग्ध पाए हैं, जो चिंता का विषय है. हीमोग्लोबिन कम पाये जाने पर सिकलसेल की जांच अनिवार्य रूप से की जाती है. इसमें कुछ बच्चों में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम पाई गई. मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर सीएमएचओ, धार से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
धार में तेंदुए ने किया तीन किसानों पर हमला: धार जिले के टांडा गांव में एक तेंदुए ने अपने-अपने खेतों में काम कर रहे तीन किसानों पर अचानक हमला कर दिया. ये तीनों किसान जंगल से लगे अपने खेतों में रूई (काॅटन) उठा रहे थे. अचानक तेंदुआ आ गया और तीनों पर हमला कर दिया. तीनों किसानों केे गले, पीठ और टांगों में चोटे आई हैं. तीनों किसानों को टांडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. जहां उनकी हालत फिलहाल स्थिर है. मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर डीएफओ, धार से प्रकरण की जांच कराकर पीड़ितों को देय सहायता राशि एवं क्षेत्र के ग्रामीणों निवासियों की सुरक्षा के संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
ताड़ी पीने से तीन लोगों की मौत: धार जिले के टांडा क्षेत्र में ताड़ी पीने से एक ही परिवार के कुछ लोग बीमार हो गये. इलाज के दौरान इनमें से तीन लोगों की मौत हो गई पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस के अनुसार जिस स्थान पर सभी लोगों ने ताड़ी पी थी, उसके पास में एक कीटनाशक का पाऊच मिला है. मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर, धार से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.