भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग मध्यप्रदेश में घटित हो रही घटनाओं को लेकर लगातार जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब कर रहा है ऐसे ही दो मामलों में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल पूछा है मानव अधिकार आयोग झाबुआ में बच्चों के साथ हुई घटना को लेकर काफी व्यथित है और इस पूरे मामले में उन्होंने अधिकारियों से तथ्यात्मक जवाब प्रस्तुत करने को निर्देश दिए हैं.
बीमार बच्चों को गर्म सरियों से दागा: झाबुआ जिले के जिला अस्पताल में तीन बच्चे पीआईसीयू वार्ड में भर्ती हैं. इन सभी के सीने और पेट पर गर्म सलाखों से दागने के निशान हैं. स्थानीय आदिवासी बोली में इसे डामना कहा जाता है. बच्चों को सर्दी, जुकाम हुआ तो घर पर इलाज किया, जब सर्दी बिगड़ गई और निमोनिया हो गया तो इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की बजाय तांत्रिक के पास ले गए. तांत्रिक ने भी गर्म लोहे के सरियों से दाग दिया और लौटा दिया. जब बच्चे मौत के करीब पहुंच गए, तो परिवार वाले जिला अस्पताल झाबुआ लेकर आए. यहां इनका उपचार किया जा रहा है. मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर कलेक्टर एवं एसपी, झाबुआ से घटना की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में प्रतिवेदन मांगा है. साथ ही यह भी पूछा है कि सीएमएचओ द्वारा क्या इलाज किया है अब पीडित बच्चों की तबीयत कैसी है आयोग ने महिला एवं बाल विकास विभाग, झाबुआ से भी इस संबंध में भी प्रतिवेदन मांगा है.
कुत्ते के हमले से बच्ची घायल: बैतूल जिले में घर के बाहर खेल रही ढाई साल की बच्ची पर कुत्ते ने हमला कर दिया. उसके सिर और मुंह पर गंभीर जख्म आए हैं. आमला ब्लाॅक के धोसरा गांव की अमूल पिता सुभाष धुर्वे पर बीते गुरूवार दोपहर में एक कुत्ते ने हमला कर घायल कर दिया. मां रिंकी ने बताया, वह मजदूरी करने गई थी, घर में नानी थी, अमोल बाहर खेल रही थी तभी आवारा कुत्ते ने हमला किया और उसे नोंच दिया. मप्र मानव अधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लेकर सीएमएचओ बैतूल से घटना की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में जवाब मांगा है. साथ ही कलेक्टर, बैतूल से यह भी पूछा कि पीड़ित को क्या कोई राहत राशि दी गई है.