भोपाल. मध्य प्रदेश में बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, अब मप्र मानव अधिकार आयोग लगातार जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल तलब कर रहा है. आयोग ने ऐसे जिम्मेदार अधिकारियों को समय सीमा के अंदर सवालों का जवाब देने का नोटिस जारी किया है. ऐसे ही कुछ घटनाओं को हम आपके सामने रख रहे हैं, जिसमें मप्र मानव अधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर जवाब मांगा है.
1. भोपाल में गढ्ढे में डूबने से मासूम की मौत
राजधानी भोपाल के कोलार के कजलीखेड़ा में गुरुवार को प्रदीप अहिरवार की डेढ़ साल की मासूम वेदिका घर के बाहर सड़क पर बने गढ्ढे में मुंह के बल गिर गई थी. गढ्ढे में पानी होने की वजह से उसकी मौत हो गई. इस मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर कलेक्टर से एक महीने के अंदर जवाब मांगा है. ऐसे ही एक अन्य मामले में भोपाल के बैरसिया स्थित कढैया गांव में एक मासूम के लापता होने की खबर सामने आई थी. इसके बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज की. दो दिन बाद शव कुएं में पड़े होने की खबर मिली, जिसके बाद शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. इस मामले में भी मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर से सवाल तलब किया है.
2. जबलपुर मेडिकल कॉलेज में रैगिंग
मानव अधिकार से जुड़ा एक मामला जबलपुर शहर में देखने को मिला. यहां नेताजी सुभाष चंद बोस मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल-2 में रैगिंग का मामला सामने आया. यहां एक छात्र से 4 सीनियर्स ने मिलकर रैगिंग की और मारपीट को अंजाम दिया था. घटना सामने आने के बाद चारों छात्रों को हॉस्टल से निष्काषित कर दिया गया था. जिसके बाद सबंधित लोगों से मानव अधिकार आयोग ने मेडिकल कॉलेज के डीन, चिकित्सा शिक्षा के संचालक से जांच कराने की मांग की है. साथ ही इस मामले में किस तरह की गाइडलाइन जारी की है, उसको लेकर जवाब तलब किया है.
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3. सीधी में मिड डे मील में मिली मरी हुई छिपकली
सीधी जिले में जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर पिछले शुक्रवार को सीएसी, प्रिंसिपल ने शासकीय स्कूल का निरीक्षण किया. इस दौरान मिड डे मिल में छिपकली मिलने के बाद हड़कंप मच गया. इस मामले में भी मानव अधिकार आयोग ने सीधी कलेक्टर को तीन सप्ताह में जवाब देने के लिए तलब किया है.
4. सीहोर में जहरीले धुएं से परेशान नागरिक
सीहोर जिले के ब्रह्मपुरी, देवनगर और इंद्रानगर में ट्रेंचिंग गाऊण्ड से उठने वाले धुएं से रहवासी परेशान है. सालों से यहां कचरे का ढेर लगा हुआ है. इससे दमा, अस्थमा, सांस फूलना जैसी बीमारियों का खतरा बना हुआ है. अब इस मामले में खुद मानव अधिकार आयोग ने क्षेत्रीय प्रबंधक/संचालक, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मामले में जांच कराकर 15 दिन में जवाब मांगा है.
5. सिवनी में दूषित पानी पीने से 30 से अधिक बीमार
इधर, सिवनी जिले के छपारा तहसील के खुर्सीपार गांव में दूषित पानी पीने से 30 से अधिक लोगों की तबियत खराब हो गई. सभी का सामुदायिक केंद्र में इलाज चल रहा है. दूषित पानी पीने से गांव के लोगों में बीमारी फैल रही है. मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने सिवनी कलेक्टर को जवाब तलब किया है. 15 दिन के भीतर जवाब देने को मानव अधिकार आयोग की तरफ से कहा गया है.